101 दिन बाद संजय राउत को बड़ी राहत, मनी लॉन्ड्रिंग केस में मिली जमानत…

मुंबई : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच की आंच का सामना कर रहे शिवसेना (अब शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत को रात मिल गई है। बुधवार को उन्हें जमानत मिल गई है। प्रवर्तन निदेशालय ने पात्रा चॉल भूमि मामले में राउत को जुलाई के अंत में गिरफ्तार किया था। इस मामले में ईडी राउत की पत्नी, करीबियों समेत कई लोगों से पूछताछ कर चुकी है।

विशेष न्यायाधीश एमजी देशपांडे ने बुधवार को फैसला सुनाया। मुंबई के उत्तरी उपनगरीय इलाके में पात्रा चॉल प्रोजेक्ट के मामले में ईडी जांच कर रही है। जांच के दौरान उन्हें कई बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। 31 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार कर  लिया गया था और ई़डी की हिरासत में 8 दिन बिताने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।

2 नवंबर, बुधवार को विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम(PMLA) अदालत ने धन शोधन मामले में आरोपी शिवसेना नेता एवं सांसद संजय राउत की जमानत याचिका पर नौ नवंबर तक फैसला सुरक्षित रख लिया था। विशेष पीएमएलए अदालत के न्यायाधीश एम जी देशपांडे ने बचाव और अभियोजन पक्ष की दलीलों के बाद फैसला सुरक्षित रखा है। हालांकि, अदालत ने राउत की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 दिनों के लिए बढ़ा दी थी।

7 सितंबर को उन्होंने जमानत के लिए याचिका दायर की थी। साथ ही राउत ने दावा किया था कि उनके खिलाफ दर्ज ईडी की मामला सत्तारूढ़ दल की तरफ से विपक्ष का दबाने की कोशि है। उन्होंने यह भी कहा था कि अपराध की आय के तौर पर दिखाए गए 1.06 करोड़ रुपये का हिसाब था और जानकारी दी गई थी।

जमानत में फंसेगा पेंच?
राउत की जमानत पर रोक की मांग उठी है। एडीशनल सॉलिसिटर जनरल ने कुछ समय के लिए बेल ऑर्डर लागू होने पर रोक की मांग की है, ताकि ईडी कोर्ट के आदेश के खिलाफ उच्च अदालत में अपील दायर कर सके। खबर है की पीएमएलए कोर्ट भी जमानत पर रोक की मांग पर बुधवार को दोपहर 3 बजे फैसला सुना सकता है।

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