भोपाल : भोपाल में आज भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Science Education and Research Bhopal) का 11वां दीक्षांत समारोह मनाया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हुए। उन्होंने 442 छात्र-छात्राओं को डिग्री प्रदान की। इस अवसर पर सांसद वीडी शर्मा, सांसद आलोक शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का दीक्षांत समारोह
सीएम डॉ. मोहन यादव और निर्मला सीतारमण ने भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान परिसर, भोपाल के 11वें दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने नवीन शैक्षणिक भवन और व्याख्यान कक्ष का शिलान्यास भी किया। मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय वित्त मंत्री ने IISER के 11वें दीक्षांत समारोह में प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को डिग्री, प्रशस्ति पत्र व मेडल प्रदान कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य़ के लिए बधाई एवं शुभाकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने कहा ‘सबसे बड़ा धन विद्या है’
इस अवसर पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ‘भारत अपनी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए विश्व गुरु बनने के मार्ग पर अग्रसर है। भारत की ज्ञान परंपरा सर्वे भवन्तु सुखिनः का मार्ग प्रशस्त करती है। इसी ज्ञान परंपरा का अनुसरण करते हुए भारत विश्व गुरु बनने के मार्ग पर बढ़ रहा है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा संचालित कई विश्वविद्यालय एवं उच्च शिक्षण संस्थान स्थापित हैं, जिनकी देश और दुनिया में अपनी विशेष पहचान है। संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है। पेट्रोल को औद्योगिक क्रांति की धुरी माना जाता है, लेकिन ज्ञान 21वीं सदी की अर्थव्यवस्था का आधार है। सबसे बड़ा धन विद्या धन है। 21वीं सदी ज्ञान की सदी है। आधुनिक समय में संपूर्ण विश्व तेजी से ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में परिवर्तित हो रहा है।’
निर्मला सीतारमण ने नए समय में नवीन समाधानों की ज़रूरत पर दिया ज़ोर
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ‘IISER का 11वां स्नातक समारोह इस संस्थान के लिए बहुत गर्व का दिन है। भोपाल शाखा भारतीय विज्ञान संस्थानों को बढ़ावा देने और सीखने की संस्कृति के निर्माण के लिए शिक्षा के माहौल के लिए देश में स्थापित सातवीं IISER है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा में सफल बदलाव के लिए टिकाऊ और नवीन समाधानों की आवश्यकता है। उन्होंने इन समाधानों को आगे बढ़ाने के लिए कराधान के माध्यम से अनुसंधान के वित्तपोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। सीतारमण ने यह भी कहा कि भारत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षमताओं को विकसित करने के लिए बजट में 10,300 करोड़ रूपए आवंटित किए हैं।
उन्होंने कहा कि देश ने सेमीकंडक्टर चिप्स की असेंबली, परीक्षण और पैकेजिंग के लिए तीन इकाइयां स्थापित की गई हैं जो तकनीकी बुनियादी ढांचे को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। उन्होंने कहा कि ‘कहा कि ‘आज के समय में डेटा (deta) नया तेल बन गया है। यह बहुत सारी नीति-निर्माण, व्यावसायिक संभावनाएं पैदा करेगा। दुनिया डेटा उत्पन्न करने की क्षमता के लिए भारत की ओर देखती है। भारत को नवीकरणीय भंडारण में आगे बढ़ने की जरूरत है। हमारे पास सौर ऊर्जा भंडारण की क्षमता नहीं है। सौर ऊर्जा को इस हद तक संग्रहित करने के लिए बड़े पैमाने की बैटरियों की दिशा में नवाचार की आवश्यकता है’