भोपाल। भारत का 12वां विज्ञान फिल्म उत्सव राजधानी भोपाल में चल रहा है। 22 अगस्त को इसका शुभारंभ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने नेहरू नगर स्थित विज्ञान भवन में किया। यहां चयनित 71 फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। साथ ही 28 श्रेणी के पुरस्कारों के लिए प्रतियोगिता भी हो रही है। इसका आयोजन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार के उपक्रम विज्ञान प्रसार द्वारा किया जा रहा है।
22 से 26 अगस्त तक चलने वाले साइंस फिल्म फेस्टिवल रविन्द्र भवन में विज्ञान आधारित फिल्में दिखाई जा रही हैं। इसमें देशभर से फिल्म मेकर, लेखक, वैज्ञानिक, विज्ञान प्रेमी एवं सिनेमा जगत के लोग शामिल हो रहे हैं। इस आयोजन में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में वैज्ञानिकों का योगदान विषय पर भी चर्चा की जाएगी। राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव देश का एकमात्र विज्ञान फिल्मोत्सव है जो वर्ष 2011 से प्रतिवर्ष देश के विभिन्न स्थानों में आयोजित किया जाता रहा है। इस बार ये भोपाल में हो रहा है। कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने कहा कि मध्यप्रदेश फिल्म एवं तकनीक को बढ़ावा देने के लिए बेहतर तरीके से कार्य कर रहा है। उन्होने कहा कि राज्य द्वारा फिल्म इंडस्ट्री को प्रमोट करने के लिए कुछ और नई योजनाएं बना रहा है। साथ ही जनजातीय बच्चों के ऊपर कार्टून फ़िल्म बनाने के लिए भी कार्य चल रहा है।
विज्ञान महोत्सव में अलग अलग तरह की फिल्में दिखाई जा रही हैं। यहां भारत के विज्ञान के गौरवान्वित इतिहास को फिल्मों के माध्यम से पेश किया जा रहा है। यहां जो फिल्में पुरस्कृत और चयनित होंगी उन्हें देशभर के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में दिखाई जाएंगी। इस फेस्टिवल में चुनी गई माध्यम से आने वाली पीढ़ी में विज्ञान के प्रति रुचि जगाने की कोशिश की जाएगी। राष्ट्रीय फिल्मोत्सव के फ्यूजन ज्यूरी चेयरमैन का दायित्व जागरण पत्रकारिता संस्थान कानपुर (जिम्सी) के निदेशक प्रोफेसर उपेंद्र पांडेय को सौंपा गया है। यहीं मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार छत्तीसगढ और झारखंड आदि राज्य सहभागिता कर रहे हैं।