दक्षिण अफ्रीका से भारत आएंगे 14-16 चीते, प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण पर काम कर रही है सरकार …

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को कहा कि आने वाले महीनों में कम से कम 14 से 16 चीतों के भारत में स्थानांतरित होने की उम्मीद है और कहा कि सरकार वन्यजीव संरक्षण और स्थिरता के लिए ओवरआल प्रयास कर रही है। भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रकृति की रक्षा के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि अब एक लीनियर इकॉनमी के लिए कोई जगह नहीं है और “टेक, मेक, डिस्पोज़ मॉडल के लिए भी कोई जगह नहीं है।”

14 से 16 चीतों के भारत में स्थानांतरित होने की उम्मीद 

सिंधिया ने यहां कहा, “वन्यजीवों का संरक्षण और यह सुनिश्चित करना कि वह हमारी परंपरा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है और साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक भरोसेमंद भूमिका में बनाए रखना, विकसित करना हमारा खजाना है।” पिछले लगभग नौ वर्षों में वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार की पहल के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए, सिंधिया ने कहा कि आने वाले महीनों में 14-16 और चीतों को भारत स्थानांतरित किए जाने की उम्मीद है।

वर्तमान में, सरकार प्रोजेक्ट चीता के दूसरे चरण पर काम कर रही है और उसने दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। चीतों को दक्षिण अफ्रीका से स्थानांतरित किया जाएगा। प्रोजेक्ट चीता के तहत, आठ चीतों को नामीबिया से एयरलिफ्ट किया गया और भारत में स्थानांतरित किया गया था। पिछले साल सितंबर में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश में कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में चीतों के पहले बैच को छोड़ा था। 

चार प्रमुख स्तंभों पर केंद्रित है वन्यजीव संरक्षण की रणनीति

मिनिस्ट्रीस ऑफ़ सिविल एविएशन एंड स्टील ,के इंचार्ज सिंधिया के अनुसार, वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार की रणनीति चार प्रमुख स्तंभों – जनसंख्या, नीति, लोगों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित है। सिंधिया ने कहा कि 360 डिग्री दृष्टिकोण अपनाया गया है और विकास के साथ-साथ “पशु मार्ग योजना” के महत्व पर जोर दिया जा रहा है।

सिंधिया ने कहा, “मेरे पिता वन्यजीव संरक्षण में बहुत करीब से शामिल थे और मैं बहुत कम उम्र से ही वन्यजीव उत्साही रहा हूं। मेरे लिए, यह व्यक्तिगत रुचि और जुनून का क्षेत्र है।”

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