400 करोड़ का केबल कार प्रोजेक्ट प्राधिकरण की फाइलों में ही हो गया दफन…

इंदौर :मुख्यमंत्री ने फिर कर दी घोषणा, जबकि शासन गेर योजना मद के नाम पर लगा चुका है रोक, 75 लाख का बजट प्रावधान फिजिकल सर्वे के लिए भी किया था

मेट्रो के साथ ही इंदौर में केबल कार (cable car in indore) का सपना भी दिखाया गया और बकायदा इंदौर विकास प्राधिकरण (Indore Development Authority) ने लगभग 400 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की तैयारी भी शुरू कर दी और फिजिबिलिटी सर्वे के लिए टेंडर भी बुला लिए। हालांकि किसी कम्पनी ने टेंडर नहीं भरा। इसी बीच शासन ने गैर योजना मद के अन्य कार्यों पर रोक लगा दी, जिसके चलते केबल कार प्रोजेक्ट भी फाइल में ही दफन हो गया। अब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रबुद्ध वर्गों से चर्चा के दौरान फिर से केबल कार की घोषणा कर दी, जो कि एयरपोर्ट से चलेगी।

सबसे पहले कलेक्टर मनीष सिंह ने केबल कार प्रोजेक्ट की चर्चा करते हुए इसका पॉवर पाइंट प्रजेंटेशन भी मास्टर प्लान की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष किया था। इसके पश्चात इंदौर विकास प्राधिकरण ने केबल कार चलाने का दावा करते हुए बोर्ड बैठक में उसके फिजिबिलिटी सर्वे का भी निर्णय लिया। पहले यह केबल कार जवाहर मार्ग से राजवाड़ा, कालानी नगर से सुदामा नगर, क्लाथ मार्केट से महाराणा प्रताप नगर और रेलवे स्टेशन से भंवरकुआ तक चलाने का निर्णय लिया और संभागायुक्त की अध्यक्षता वाले प्राधिकरण बोर्ड ने बकायदा वेब कोस सहित अन्य कम्पनियों के प्रजेंटेशन भी देखे। वहीं अन्य पर्यटन स्थलों पर जिस तरह केबल कार संचालित की जा रही है, उनकी भी aजानकारी ली गई। शुरुआत में 400 से 500 करोड़ रुपए तक का खर्चा इस प्रोजेक्ट पर बताया गया और उसके लिए फिजिबिलिटी सर्वे करवाने का भी निर्णय लिया, जिसके लिए लगभग 75 लाख रुपए की राशि भी बोर्ड ने मंजूर की और उसके आधार पर टेंडर भी बुलाए गए। हालांकि किसी कम्पनी ने टेंडर जमा नहीं किए। इसी बीच शासन ने एक आदेश प्राधिकरण को भिजवा दिया, जिसमें गेर योजना के तहत किए जाने वाले कार्यों के संबंध में स्पष्ट कहा गया। शासन के गजट नोटिफिकेशन में प्राधिकरण को अपनी सालाना वास्तविक आय की 10 फीसदी राशि भी गेर योजना मद में खर्च करने के अधिकार दिए और ये कार्य भी सडक़ों के निर्माण, फ्लायओवर, रेलवे ओवरब्रिज, पार्क और उद्यान्न जैसे जनहित तथा मास्टर प्लान से जुड़े काम ही कराए जा सकते हैं, जिसके चलते केबल कार सहित अन्य प्रोजेक्टों को प्राधिकरण को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा। हालांकि प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा ने उसी वक्त मुख्यमंत्री सहित नगरीय विकास एवं आवास मंत्रालय के प्रमुख सचिव व अन्य अधिकारियों को पत्र भी भेजे, जिसमें गैर योजना मद के तहत अन्य कार्यों को अनुमति भी मांगी गई। बहरहाल, निगम चुनाव के मद्देनजर कल इंदौर आए मुख्यमंत्री चौहान ने प्रबुद्धजनों के संवाद कार्यक्रम में केबल कार चलवाने की फिर से घोषणा कर दी और अभी इसे एयरपोर्ट से सुपर कॉरिडोर होते हुए मेट्रो ट्रैन के पहले चरण के समानांतर चलाया जाएगा। अब देखना यह है कि केबल कार वास्तविक रूप से अमल में आती है या हवाई घोषणा होकर रह जाएगी।

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