नई दिल्ली : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तीन दिसवीय मौद्रिक नीति समिति बैठक 9 अक्टूबर बुधवार को समाप्त हो चुकी है। मीटिंग के दौरान अर्थव्यवस्था से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। आरबीआई गवर्नर ने रेपो रेट, जीडीपी ग्रोथ, यूपीआई लाइट समेत कई बड़ी घोषणाएं की है। इसके अलावा एनबीएफसी के लिए भी नई गाइडलाइंस जारी की गई है।
बता दें कि पहली बार केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए 3 नए सदस्यों के साथ एमपीसी बैठक का आयोजन हुआ है। नए मेंबर्स प्रोफेसर राम सिंह, सौगाता भट्टाचार्य, डॉ नागेश कुमार हैं। बैठक का आयोजन आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता में हुआ है। इस बार 9 सदस्य मीटिंग में शामिल रहें।
रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं (Repo Rate)
आरबीआई ने लगातार दसवीं बार नीतिगत दरें यानि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। वर्तमान में दरें 6.5% है। रेपो रेट में वृद्धि और कटौती का सीधा प्रभाव ईएमआई और लोन पर पड़ता है।
यूपी लाइट लेनदेन की सीमा बढ़ी
केन्द्रीय बैंक ने यूपीआई लाइट के जरिए लेनदेन की सीमा बढ़ा दी है। अब यूपीआई लाइट वॉलेट लिमिट को 2 हजार रुपये से बढ़ाकर 5 हजार रुपये कर दिया गया है। कुछ चुनिंदा लेनदेन पर यूपीआई लिमिट बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा गया है।
एनबीएससी को दिए गए निर्देश (NBFC Guidelines)
आरबीआई ने नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को निष्क्रिय खातों, साइबर सुरक्षा, खच्चर खातों और अन्य पहलुओं पर ध्यान देने का निर्देश दिया है। शक्तिकान्त दास ने कहा कि, “एनबीएफसी ने पिछले कुछ वर्षों में शानदार ग्रोथ किया है। उनका अंडरराइटिंग प्रोसेस अभी भी मजबूत नहीं है। इसलिए एनबीएफसी खुद सुधार करें यही सही विकल्प है।” रिजर्व बैंक क्रेडिट कार्ड, अनसिक्योर्ड लोन और माइक्रो फाइनेंस लोन से जुड़े डेटा पर निगरानी कर रहा है। वहीं शक्तिकांत दास ने कहा कि फ्लोटिंग लोन पर प्री-पेमेंट चार्ज नहीं होना चाहिए।
एमपीसी के अन्य फैसले
वित्तवर्ष 2025 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.2% लगाया गया है। दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ के आँकड़े 7%, तीसरी तिमाही के लिए 7.4% और चौथी तिमाही के लिए 7.4% है। वहीं वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के लिए आंकड़ा 7.3% है। वित्त वर्ष 2025 के लिए रिटेल महंगाई का अनुमान 4.5% है। दूसरी तिमाही के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 4.4% से घटकर 4.1% हो गया है।