भोपाल : मध्य प्रदेश के पर्यावरण को बेहतर बनाने के प्रति गंभीर मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के नगरीय परिवहन सेवा को भी बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं, नगरीय विकास विभाग ने शासन के पास इलेक्ट्रिक बसें चलाने का प्रस्ताव भेजा था जिसे मंत्रिपरिषद की बैठक में मंजूरी मिल गई है उधर केंद्र सरकार ने भी इसके लिए मांग के अनुसार आवंटन को स्वीकृति दे दी है।
6 शहरों में दौड़ेंगी 552 इलेक्ट्रिक बसें, प्रस्ताव स्वीकृत
प्रदेश के 6 बड़े शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन और सागर की नगरीय परिवहन सेवा अब बेहतर होने वाली है , मध्य प्रदेश कैबिनेट ने इन 6 शहरों में 552 इलेक्ट्रिक बसे चलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, आपको बता दें कि नगरीय क्षेत्रों में परिवहन सुविधा को सुलभ बनाने के लिये नगरीय प्रशासन विकास विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की सेवा के लिये परिवहन सुविधा का विस्तार किया जाए।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के प्रयासों से केंद्र से मिली भी मिली स्वीकृति
गौरतलब है कि नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में नागरिकों की नगर परिवहन सुविधा को देखते हुए केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय को इस मद में मांग के अनुसार आवंटन दिये जाने का अनुरोध किया था, जिसे भी केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। यानि बहुत जल्दी ही ये इलेक्ट्रिक बसें इन 6 शहरों में नागरिकों को परिवहन के लिए उपलब्ध हो जायेंगी।
ये है इस प्रस्ताव के मुख्य बिंदु
कैबिनेट ने जिस प्रस्ताव को मंजूरी दी है उसमें जो 552 बसें स्वीकृत हुई हैं उसमें इंदौर को 150, भोपाल को 100, ग्वालियर को 70, जबलपुर को 100, उज्जैन को 100 और सागर को 32 ई बसें संचालन की मंजूरी मिली है। प्रस्ताव के अन्य बिंदु इस प्रकार हैं..
- प्रस्ताव की निविदा केन्द्र सरकार जारी करेगी।
- बस डिपो के निर्माण के लिये 10 करोड़ रूपये की राशि प्रत्येक शहर को केन्द्र सरकार से प्राप्त होगी।
- बसों का संचालन संबंधित नगर निगम किया जाएगा। बसों में ड्राइवर एवं कन्डक्टर की सेवाएँ ऑपरेटर द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
- यात्री किराया और विज्ञापन की राशि से मिलने वाला राजस्व भी संबंधित नगर निगम को मिलेगा।
- बस संचालन में 22 रूपये प्रति किलोमीटर पर अनुदान राशि 12 साल तक केन्द्र सरकार द्वारा दी जाएगी।
- संचालन कर्ता राज्य को केन्द्र सरकार की ओर से गारंटी मिलेगी।
- मंजूर किये गये प्रस्ताव पर काम के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी। कमेटी में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख सचिव ऊर्जा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास, प्रमुख सचिव परिवहन सदस्य होंगे। कमेटी के सदस्य सचिव आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग होंगे।