नई दिल्ली : दिल्ली में कूड़े को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के बीच छिड़ी जंग में अब दिल्ली के एलजी की भी एंट्री हो गई है। दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने शनिवार को एमसीडी को लोगों को गुमराह करने वाले ‘तत्वों’ के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
एलजी ‘आप’ के उन आरोपों के बीच यह कदम उठाया है कि एमसीडी दिल्ली में नई कचरा डंपिंग साइटों की योजना बना रही है, जबकि मौजूदा तीन लैंडफिल साइटों पर कूड़े के पहाड़ों को साफ करने में वह नाकाम रही है।
सक्सेना ने कई ट्वीट करके कहा कि एमसीडी ने पिछले चार महीनों में 26.1 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे को साफ किया है और कचरे के टीले की ऊंचाई 10-15 मीटर कम हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि शहर में कचरा डालने के एक भी नई लैंडफिल साइट बनाने की योजना नहीं है।
एमसीडी चुनाव इस वर्ष दिसंबर तक होने की उम्मीद है। इसके मद्देनजर ‘आप’ ने दिल्ली में स्वच्छता की कमी और भलस्वा, ओखला और गाजीपुर में लैंडफिल साइट पर कचरे के पहाड़ों को लेकर एमसीडी और भाजपा पर हमला तेज कर दिया है।
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को गाजीपुर ‘लैंडफिल’ साइट’ का दौरा किया था और दावा किया था कि एमसीडी शहर में 16 और ‘लैंडफिल साइट’ विकसित करने की योजना बना रही है।
सक्सेना ने ट्वीट किया, ”निहित स्वार्थ वाले कुछ लोगों द्वारा झूठे दावों के विपरीत, शहर में एमसीडी द्वारा कचरा डालने का एक भी नया स्थल बनाने की योजना नहीं बनाई गई है।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ”एमसीडी को दिल्ली को गुमराह करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।”
एमसीडी ने शुक्रवार को कहा था कि शहर में कचरा डालने के लिए कोई नया स्थल बनाने की योजना नहीं है। उसने यह भी कहा था कि शहर की तीन ‘लैंडफिल साइट’ (कचरा डालने का स्थल) से अब तक 77 लाख मीट्रिक टन पुराने कचरे को संसाधित किया गया है, जिसने वर्षों से छोटे पहाड़ का आकार ग्रहण कर रखा है।
भाजपा 2007 से तीनों नगर निगमों में सत्ता में है। तीनों नगर निगम अब एकीकृत हो गए हैं। 250 एमसीडी वार्ड के लिए दिसंबर के आसपास चुनाव होने की उम्मीद है और दिल्ली राज्य निर्चाचन आयोग ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
दिल्ली में लगभग 11,000 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा गाजीपुर, भलस्वा और ओखला स्थित तीन लैंडफिल साइट में डाला जाता है। वर्तमान में शहर में अपशिष्ट प्रसंस्करण की संचयी क्षमता 8,213 टन प्रतिदिन है।