हिमाचल चुनाव: भाजपा ने अपने प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को पार्टी से निकाला, क्या बन रहे समीकरण…

कुल्लू : भाजपा ने अपने हिमाचल प्रदेश के उपाध्यक्ष राम सिंह को विधानसभा चुनावों में पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की अनुशासनहीनता के चलते अगले 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। दरअसल, प्रदेश भाजपा ने राम सिंह को उपाध्‍यक्ष नियुक्‍त किया था। लेकिन चुनाव में भाजपा से टिकट न मिलने पर राम सिंह स्वतंत्र प्रत्याशी के तौर पर कुल्लू सदर से बगावत का बिगुल फूंक दिया था। यही कारण है कि हिमाचल प्रदेश भाजपा के अध्‍यक्ष सुरेश कश्‍यप ने यह कार्रवाई की है।

बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई
दरअसल सूबे में सत्तारूढ़ भाजपा को इस चुनाव में बागियों की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने एक दिन पहले ही पांच बागी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा ने इंदौरा सीट पर बागी मनोहर लाल धीमान, किन्‍नौर से तेजवंत सिंह नेगी, नालागढ़ से केएल ठाकुर और आनी से किशोरी लाल को पार्टी से निष्‍कासित कर दिया है। यही नहीं फतेहपुर क्षेत्र में पार्टी के खिलाफ गतिविधियों में शामिल कृपाल परमार पर भी कार्रवाई की जा चुकी है। 

बागियों से परेशान दल
कुल्लू जिले की चार विधानसभा सीटों में से तीन पर भाजपा को बागियों का सामना करना पड़ रहा है। राम सिंह कुल्लू सदर से पार्टी प्रत्‍याशी नरोत्‍तम ठाकुर के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे। भाजपा ने काफी हद तक बगावत को थामने की कोशिशें की थी लेकिन उसको पूरी तरह कामयाबी मिलती नहीं दिख रही है। हालांकि भाजपा की पहलकदमी का ही नतीजा है कि कुल्लू भाजपा के कद्दावर नेता महेश्वर सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपने नामांकन को वापस लेने का फैसला किया था। 

कुल्लू सदर की  स्थिति 
अब कुल्लू सदर में त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसके उम्मीदवार सुंदर सिंह ठाकुर के खिलाफ पार्टी का कोई बागी आवाज बुलंद नहीं कर रहा है जबकि भाजपा के नरोत्तम ठाकुर पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं।

बंजार सीट त्रिकोणीय मुकाबले के आसार 
बंजार सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबले के आसार हैं। इस सीट पर महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह आवाज बुलंद कर रहे हैं। इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार खमी राम शर्मा और भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र शौरी मैदान में हैं। खिमी राम ने 2003 और 2007 में लगातार बंजार सीट जीती थी। वहीं हितेश्वर के चचेरे भाई आदित्य विक्रम सिंह भाजपा उम्मीदवार सुरेंद्र शौरी के लिए प्रचार कर रहे हैं। आदित्य विक्रम सिंह 2017 के चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार थे लेकिन कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद भाजपा में शामिल हो गए।  

अन्नी विधानसभा सीट का हाल
जिले की अन्नी विधानसभा सीट पर भाजपा ने लोकेंद्र कुमार को मैदान में उतारा है। लोकेंद्र साल 2017 के चुनाव में सीपीआई के उम्मीदवार थे। भाजपा ने इस बार मौजूदा विधायक किशोरी लाल को टिकट देने से इनकार कर दिया। नतीजतन वह भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं। कांग्रेस ने इस सीट से बंसीलाल को टिकट दिया है। कांग्रेस को भी इस सीट पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। पारस राम जो 2017 के चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार थे उन्होंने टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है।  

मनाली विधानसभा सीट की स्थिति 
वहीं मनाली विधानसभा सीट से बीजेपी ने लगातार चौथी बार शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भुवनेश्वर गौड़ को टिकट दिया है। कांग्रेस के पूर्व नेता एवं मौजूदा वक्त में आप प्रत्याशी अनुराग प्रार्थी भी मैदान में हैं। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर फोर लेन संघर्ष समिति के नेता मोहिंदर ठाकुर भी ताल ठोक रहे हैं। यही कारण है कि इस सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। 

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