हिमाचल में ये 21 नेता बढ़ा रहे भाजपा की टेंशन, जिताऊ सीटों पर भी बिगड़ सकता है खेल…

धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है और उम्मीदवारों की ओर से नामांकन वापस लेने का समय खत्म हो चुका है। इसके साथ ही चुनाव की तस्वीर भी साफ हो चुकी है कि किन उम्मीदवारों के बीच मुकाबला होना है। इस बीच भाजपा 68 सीटों वाले राज्य में 21 सीटों पर बागियों से ही घिरी दिख रही है। पार्टी की ओर से तमाम कोशिशें की गईं ताकि बागियों को मनाया जा सके। कुल्लू से महेश्वर सिंह और धर्मशाला से अनिल चौधरी जैसे नेताओं को मनाकर बिठा भी लिया गया। इसके बाद भी देहरा, इंदौरा, मंडी और हमीरपुर जैसी सीटों पर बागी भाजपा को टेंशन दे रहे हैं। 

ऐसी कुल 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां से बागियों ने चुनाव लड़ने का दम भरा है। इनमें से एक सीट बंजार की भी है, जहां से महेश्वर सिंह के बेटे हितेश्वर सिंह बागी होकर उतरे हैं। खुद महेश्वर सिंह चुनाव में नहीं हैं, लेकिन बेटे बागी के तौर पर सामने हैं। इसके अलावा आनी से विधायक किशोरी लाल सागर, देहरा से विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से पूर्व विधायक केएल ठाकुर, इंदौरा से पूर्व विधायक मनोहर धीमान, किन्नौर से पूर्व भाजपा विधायक तेजवंत नेगी ने पार्टी के फैसले के खिलाफ चुनावी समर में उतरने का निर्णय लिया है। इन सभी नेताओं की इलाके में एक पैठ रही है और पूर्व विधायक रहने के चलते काडर पर भी प्रभाव रहा है। हालांकि देखना होगा कि अपने दम पर वे भाजपा को क्या नुकसान पहुंचा पाते हैं।

बागियों की यह लिस्ट कहीं लंबी है। फतेहपुर से पूर्व सांसद कृपाल परमार, सुंदरनगर से पूर्व मंत्री रूप सिंह ठाकुर के बेटे अभिषेक ठाकुर, बिलासपुर से सुभाष शर्मा, मंडी सदर से भाजपा नेता प्रवीण शर्मा, कुल्लू सदर से राम सिंह और नाचन से भाजपा नेता ज्ञान चंद भी बागी उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं। इनके अलावा भाजपा नेताओं में धर्मशाला से विपिन नेहरिया हैं, जो भाजपा के एसटी मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे हैं। वहीं कांगड़ा से कुलभाष चौधरी, मनाली से महेंद्र सिंह ठाकुर, बड़सर से संजीव शर्मा, हमीरपुर से नरेश दर्जी, भोरंज से पवन कुमार और रोहडू से राजेंद्र धीरटा चुनाव लड़ेंगे। चंबा सदर से भाजपा नेता इंदिरा कपूर, हमीरपुर से आशीष शर्मा भाजपा की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।

कांग्रेस के भी 6 बागी मैदान में, कई रह चुके हैं विधायक

बागियों का सामना कांग्रेस को भी करना पड़ रहा है, लेकिन भाजपा के मुकाबले यह संख्या काफी कम है। पच्छाद से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गंगूराम मुसाफिर, ठियोग से पूर्व विधायक दिवंगत राकेश वर्मा की पत्नी इंदु वर्मा, पूर्व मंत्री दिवंगत जयबिहारी लाल खाची के बेटे विजय पाल खाची, सुलह से पूर्व विधायक जगजीवन पाल, चौपाल से पूर्व विधायक डॉ. सुभाष मंगलेट और आनी से परस राम निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं। ये सभी नेता कांग्रेस से जुड़े रहे हैं, लेकिन टिकट न मिलने से खफा होकर निर्दलीय ही चुनौती दे रहे हैं। 

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