गढ़वी ने बताया, क्यों केजरीवाल के कहने पर राजनीति में की एंट्री; पिता की बात यादकर हुए भावुक…

अहमदाबाद : गुजरात चुनाव के लिए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने आज सीएम प्रत्याशी का ऐलान कर दिया। उन्होंने बताया कि ईसूदान गढ़वी पार्टी के सीएम पद के उम्मीदवार होंगे। दिल्ली के बाद पंजाब में जीत का परचम फहरा चुके केजरीवाल को गुजरात चुनाव से भी बड़ी उम्मीद है। पिता को याद कर गढ़वी भी भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘मैं एक किसान परिवार से आता हूं। लेकिन मेरे पिता ने मुझे बहुत कुछ सिखाया। जब वह गंभीर रूप से बीमार थे। तो मैंने अपने कागजात डाल दिए थे। मैं वापस अपने गांव चला गया। लेकिन मेरे पिता ने ही मुझे पत्रकारिता जारी रखने और लोगों की आवाज उठाने के लिए अहमदाबाद वापस जाने के लिए कहा था।

साथ ही उन्होंने अपने राजनीति में आने की भी वजह बताई। उन्होंने जब सीएम केजरीवाल जी ने मुझे राजनीति में आने को कहा तो मैंने उनसे बोला मेरे परिवार में कोई सरपंच तक नहीं बना है तो मैं राजनीति कैसे कर सकता हूं। तब केजरीवाल जी ने कहा मैं राजनीति में नहीं आता तो आप मुझे बताओ दिल्ली में स्कूल अच्छे कैसे होते। मैंने भी जा के देखा और फिर तय किया। सीएम केजरीवाल ने कहा कि मैं राजनीती में आना नहीं चाहता था। मैं इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अच्छा खासा काम कर रहा था। लेकिन वो मेरे परिवार तक सीमित होती। आज मैं दिल्ली के लिए कुछ कर सकता हूं। तेरे जैसे लोगों को राजनीति में आना पड़ेगा। राजनीती मेरा शौक नहीं मजबूरी है। 

आप के सीएम कैंडिडेट इसुदान गढ़वी ने कहा कि पार्टी ने किसानों के मुद्दे को उठाया।  साथ ही उन्होंने पेपर लीक मामले पर कहा कि तीन-तीन साल तक परीक्षा ही नहीं होती हैं। यह बेहद गंभीर विषय है। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर गुजरात में आप की सरकार आती है तो हर 10 किलोमीटर पर शानदार सरकारी स्कूल बनेंगे। जिसके लिए लाखों रुपये फीस देने की जरूरत नहीं होगी।  18 हजार गांवों में मोहल्ला क्लिनिक भी होगा, जिसमें एमबीबीएस डॉक्टर मौजूद रहेंगे।  

गणेश लक्ष्मी की फोटो को लेकर इसुदान गढ़वी ने कहा कि हम सभी धनतेरस के मौके पर लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इसलिए आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने यह सुझाव दिया। साथ ही उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी को छोड़कर किसी को भी इस सुझाव से परेशानी नहीं है।  जब उनसे पूछा गया कि गुजरात में केजरीवाल लक्ष्‍मी गणेश, रामलला की बात करते हैं अजमेर शरीफ की नहीं।  इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें भी राम मंदिर का इंतजार है।  

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