मुरैना की गज़क की कहानी नहीं जानी, तो क्या जाना

आप भी सर्दी में गजक खान के शौकीन हैं और आप भी ग्वालियर चंबल की गजक के बारे में जानना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि यहां की गजक आखिर क्यों इतनी खास होती है और इसे कैसे बनाते हैं. आइए जानते हैं ग्वालियर की शाही गजक से जुड़ी हर एक बात-

मुरैना की गज़क का इतिहास 80-90 साल पुराना है चंबल में 20 से 25 वैरायटी की गजक बनाई जाती है. वैसे तो मुरैना में बनने वाली गुड़ और शक्कर की गजक काफी प्रसिद्ध है, लेकिन अब अंचल में कई वैरायटी की गजक बनाई जा रही है. जिसमें गजक के लड्डू,पटरी रोल, समोसा गजक जैसी कई वैरायटी प्रमुख है. यहां से गजक पूरे देश भर के अलग-अलग राज्यों में जाती है और मुरैना के लगभग सौ से अधिक कारीगर अलग-अलग राज्यों में गजक बनाने का काम करते हैं.

मुरैना की गज़क आखिर क्यों फेमस

मुरैना की गजक के फेमस होने के दो कारण है कि यहां खास तरीके से गजक बनाई जाती है, जिस वजह से लोग इसे पंसद करते हैं. यहां की गजक में तिल, गुड़, चीनी का खास मिश्रण होता है और यह मिश्रण खास तरीके से कूट-कूटकर बनाया जाता है, इस वजह से यह फेमस है. इसके अलावा यहां की भौगोलिक स्थिति की वजह से भी यहां की गजक में अलग स्वाद आता है. एक तो रहा बनाने का तरीका और दूसरा चंबल की वजह से इसका स्वाद अलग आता है.

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