भोपाल: अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस भाजपा सरकार को घेरने के लिए विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। इसकी जिम्मेदारी प्रदेश कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष डा. गोविन्द सिंह और पूर्व विधायक पारस सकलेचा को सौंपी है। दोनों ने प्रारंभिक रूपरेखा भी तैयार कर ली है। इस पर चर्चा के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने पांच दिसंबर को बैठक बुलाई है। इसमें अविश्वास प्रस्ताव में सम्मिलित किए जाने वाले विषय और इसे विधानसभा शीतकालीन या बजट में प्रस्तुत करने की कार्ययोजना बनाई जाएगी।
प्रदेश कांग्रेस का इस समय पूरा ध्यान 23 नवंबर से प्रारंभ होने वाली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा पर हैं। यह पांच दिसंबर तक मध्य प्रदेश में रहेगी। इसी दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान का शुभांरभ होगा। इसी क़़डी में पार्टी जनता को सरकार की असफलता बताने के लिए अविश्वास प्रस्ताव को माध्यम बनाएगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रस्ताव तैयार करने के लिए पहले पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को जिम्मेदारी दी थी, लेकिन विंध्य क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों में व्यस्तता के कारण उन्होंने असमर्थतता जता दी।
पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने बताया कि करीब सौ बिंदु छांटे गए हैं, जिन पर अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार से उत्तर मांगा जाएगा। इसमें प्रोफेशनल एक्जामिनेशन बोर्ड (अब कर्मचारी चयन मंडल) द्वारा आयोजित शिक्षक व पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में हुई ग़़डब़़डी, कारम बांध सहित स़डक परियोजनाओं में अनियमितता के कारण हुई जनधन की हानि, ई-टेंडर घोटाले की जांच को दबाने, किसानों की ऋण माफी न करके किसानों को अपात्र बनाए रखने, राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाएं न होने, अन्य पिछ़़डा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न दिला पाने, रिक्त पदों पर भíतयां न करने, बैकलाग के पद कई वषर्षों से रिक्त रहने, लोकायुक्त और आर्थिक अपराध अन्वेषषण प्रकोष्ठ को भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिकारियों व कर्मचारियों के विरद्घ अभियोजन की स्वीकृति न देने, पूरक पोषषण आहार और मध्याह्न भोजन में अनियमितता, राशन वितरण में ग़़डब़़डी सहित अन्य मुद्दों को शामिल किया गया है।