भोपाल : साल 2022 जाते जाते मध्य प्रदेश को एक बार फिर 28 नए आईपीएस और आईएएस अधिकारी दे सकता है। मप्र सामान्य प्रशासन और गृह विभाग ने संघ लोक सेवा आयोग को चुनिंदा अफसरों के नाम के प्रस्ताव भेज दिए हैं। इसके लिए दिसंबर में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक (DPC) दिसंबर प्रस्तावित है। नाम तय होती ही इन अफसरों को प्रमोशन दिया जाएगा।

दरअसल, राज्य प्रशासनिक सेवा से आईएएस और राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस संवर्ग में पदोन्नति के लिए विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक दिसंबर में होने वाली है। इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव गृह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे। इसके लिए सामान्य प्रशासन ने 3 और गृह विभाग ने करीब 30 नामों की लिस्ट का प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को भेजा हैं।
गृह विभाग ने 10 राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की पदोन्नति के लिए 30 नामों का प्रस्ताव भेजा है। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से एक पद के लिए तीन अधिकारियों के नाम प्रस्तावित किए गए हैं। इसमें 1994, 1995, 2002, 2006 और 2007 बैच के अधिकारियों के नाम पर सेवा अभिलेखों के आधार पर विचार होगा। विवेक सिंह, पंकज शर्मा, सुनील दुबे, कैलाश बुंदेला और सुरेंद्र कथूरिया के नाम जांच के चलते बाहर होने की संभावना है। दिसंबर में विभागीय पदोन्नति की बैठक होना है जहां नाम तय किए जाएंगे।
इन अफसरों के आईपीएस बनने पर संकट
केंद्र से आईपीएस कैडर रिव्यू में गैप के कारण 5 साल में 1998 और 2000 बैच के राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के लगभग 55 अफसरों पर भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) बनने पर संकट आ सकता है।इनमें 1998 बैच के मलय जैन, अमित सक्सेना, संदीप मिश्रा, समर वर्मा, सतेन्द्र सिंह तोमर, अंजना तिवारी, अनिल पाटीदार, दिनेश कौशल, रूपेश शर्मा, रामदास प्रजापति, मुकेश वैश्य, जितेंद्र सिंह ढंगस, शशिकांत शुक्ला और वर्ष 2000 बैच के योगेश्वर शर्मा, विनय प्रकाश पॉल के नाम शामिल हो सकते है। इन अफसरों को एएसपी पद से ही रिटायर होना पड़ेगा। चुंकी आईपीएस अवॉर्ड के लिए 56 साल तक की उम्र तय की गई है।अगला रिव्यू 2027 में होगा।