मंदसौर की ऐतिहासिक कहानी क्या है? आइये आपको बताते हैं

यूँ तो रावण का नाम आते ही मन में लंका का ख़्याल आता है, लेकिन मध्य प्रदेश के मंदसौर से भी रावण का ख़ास रिश्ता माना जाता है. मंदसौर पहले दशपुर के नाम से जाना जाता था. प्राचीन साहित्य और कई अभिलेखों में दशपुर का उल्लेख है, मंदसौर के खानपुरा में स्थित रावण की प्रतिमा का इतिहास भी काफी पुराना है.

यहां के लोगों में यह मान्यता है की लंका के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका मंदसौर था. इसी रिश्ते से यहाँ के लोग रावण को मंदसौर का जमाई मानते हैं.

महिलाएं करती हैं रावण की पूजा

कुछ महिलाएं यहाँ स्थित रावण की मूर्ति के सामने से गुज़रते वक़्त जमाई के सम्मान में घूंघट निकाल लेती हैं. वैसे कुछ मान्यताओं के अनुसार रावण का ससुराल जोधपुर के पास मंडोर को भी माना जाता है. दशहरे के दिन नामदेव समाज के लोग सुबह रावण की पूजा करते हैं. इनका मानना है कि रावण की पूजा से उनका समाज बीमारियों और अन्य समस्याओं से सुरक्षित रहेगा.

सुबह पूजा के बाद शाम को ये रावण का प्रतीकात्मक वध करते हैं. मौसम और प्राकृतिक आपदाओं के कारण रावण की प्राचीन प्रतिमा टूट गई थी जिसकी 2003 में स्थानीय प्रशासन ने मरम्मत की थी.