उज्जैन: इस समय उज्जैन के जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड का रेनोवेशन कार्य चल रहा है। यहां का काम लंबा खींचा जाने की वजह से माधव नगर अस्पताल के आईसीयू पर दबाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। माधवनगर में 22 बेड आईसीयू के हैं लेकिन ज्यादा मरीज आ जाने पर उन्हें इलाज नहीं मिल पाता है और मरीजों को रेफर करना पड़ता है। दोनों अस्पतालों के बीच बनाई गई व्यवस्था में मरीजों के बीच चल रही खींचतान में एक ध्यान देने वाली बात यह है कि जिला अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल है। इसके बावजूद भी यहां पर गंभीर मरीजों के इलाज के लिए सिर्फ 10 आईसीयू बेड उपलब्ध है। रेनोवेशन तो किया जा रहा है लेकिन इस बात पर किसी का ध्यान नहीं है कि बेड की संख्या बढ़ाई जाए।
अक्टूबर में जिला अस्पताल के आईसीयू वार्ड का रेनोवेशन शुरू किया गया था। यहां पर नए पलंग, वेंटिलेटर वाले बेड और अत्याधुनिक मशीन और उपकरण लगाए जाने के साथ अन्य काम किए जाने हैं। दीवार और छत की मरम्मत का काम भी यहां पर हो रहा है। मरम्मत शुरू होने से पहले यहां के मरीजों को माधवनगर अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया था। रेनोवेशन का काम लंबा खींचा जाने की वजह से अब हालत यह है कि 22 बेड के बाद अगर एक मरीज भी ज्यादा यहां पर पहुंच जाए तो या तो उसे इलाज के लिए इंतजार करना पड़ता है या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में जाने पर मजबूर होना पड़ता है। जिला अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जल्द ही रेनोवेशन का काम पूरा हो जाएगा।
उज्जैन जिला अस्पताल संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है। इसके बावजूद भी यहां पर आईसीयू के 10 ही बेड मौजूद हैं। यहां रेनोवेशन का काम तो हो रहा है लेकिन बेड की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा है। अगर एक्स्ट्रा मरीज यहां पहुंचे तो उन्हें इलाज के लिए कहीं और भेजा जाता है। संभाग का सबसे बड़ा जिला अस्पताल होने के चलते यहां पर कम से कम 20 बेड होने चाहिए ताकि मरीजों को इंदौर या फिर किसी अन्य हायर सेंटर पर ना जाना पड़े। इस बारे में प्लान भी तैयार किया गया था लेकिन इस पर अमल नहीं किया गया और यह अब तक अधर में लटका हुआ है।