जयपुर: मध्यप्रदेश में 13 दिन रहने के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का राजस्थान प्रवेश हो चुका है और वहां पहुंचते ही एक नया राजनीतिक परिदृश्य सामने आया है। ये एक डांस वीडियो है, जो अब वायरल हो रहा है। इसमें राहुल गांधी, कमलनाथ, अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक साथ नृत्यरत दिखाई दे रहे हैं। पहली नजर में भले ही ये एक डांस भर दिखे..लेकिन इसके गहरे राजनीतिक मायने हैं।
राजस्थान में कांग्रेस की अंदरूनी कलह
रविवार शाम यात्रा राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ झालावाड़ जिले से राजस्थान पहुंची। यहां पहले से ही उनके भव्य स्वागत की तैयारियां थी और जब वे पहुंचे तो प्रसिद्ध राजस्थान लोक कलाकार मामे खां समेत अन्य कलाकारों ने ‘पधारो म्हारे देस’ पर प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होने कई और लोकगीत और लोकनृत्य पेश किए। इसी दौरान वो हुआ, जिसका इंतजार कई लोग अरसे से कर रहे थे। राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मची रार को लेकर अब तक राहुल गांधी ने चुप्पी साध रखी है। इंदौर में भी पत्रकारों से बात करते हुए इस सवाल को उन्होने हंसकर टाल दिया था। लेकिन उन्हें बखूबी पता था कि राजस्थान पहुंचने पर इस स्थिति का सामना करना पड़ेगा, और वो भी सबके सामने। तो राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाज़ी को लेकर कोई सवाल करे..इससे पहले ही राहुल गांधी ने एक करारा जवाब दे दिया।
राहुल गांधी का ‘डांस’
हम वीडियो में देख सकते हैं कि लोक कलाकार नृत्य कर रहे हैं और उसी दौरान राहुल गांधी कमलनाथ का हाथ पकड़कर साथ डांस करने का आग्रह करते हैं। कमलनाथ थोड़ा संकोच में हैं लेकिन राहुल उनका हाथ पकड़कर उन्हें घेरे में खींच ही लाते हैं। वहीं पीछे प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कुछ अन्य नेता खड़े हैं। इसके बाद वो वहां खड़े सभी को इशारा करते हैं साथ आने का। हालांकि इशारा पहले ही हो चुका था..क्योंकि जब राहुल डांस करने लगे तो और किसी के लिए दृश्य से बाहर होना संभव नहीं था। यहां खास बात ये है कि अब नृत्य श्रृंखला में राहुल गांधी का हाथ पकड़ा है सचिन पायलट ने और पायलट का हाथ अशोक गहलोत ने पकड़ा हुआ है और सब डांस कर रहे हैं। यहां राहुल की बॉडी लैंग्वेज भी देखी जा सकती है। उन्होने पहले कमलनाथ को नाचने के लिए बुलाया और इस दौरान उनके चेहरे पर एक मुस्कान है। आगे भी वो बहुत सहज होकर नाचते हुए दिख रहे हैं। उन्होने न तो कोई हड़बड़ी दिखाई न ही ऐसा कुछ किया, जिससे ये सप्रयास लगे। सब कुछ एक रौ में होता गया..और सब कुछ वैसा ही हुआ जैसा चाहा था।