जबलपुर : प्रदेश में जल्द ही कर्मचारियों को डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति दी जाएगी। हाई कोर्ट द्वारा रिव्यू बैठक करने के निर्देश दिए गए हैं। 2016 की लंबित प्रमोशन के लिए विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक आयोजित होने के बाद कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा। वहीं मध्यप्रदेश के तहसीलदार जल्द ही डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नत होंगे। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी के एकल पीठ ने अपने आदेश में निर्देश दिए कि सामान्य प्रशासन विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के अनुशंसा के अनुरूप 12 मई 2016 की स्थिति में उपलब्ध पदों के लिए वरिष्ठता सूची की जगह तहसीलदारों के प्रकरण पर विचार किया जाए।
यह है मामला
दरअसल जबलपुर के पनागर में तहसीलदार के रूप में पदस्थ मनोज चतुर्वेदी के अलावा आलोक पारे और प्रकाश चंद्र जैन की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिस पर वकील समदर्शी तिवारी ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने दलील पेश करते हुए कहा कि 2016 में आयोजित डीपीसी में नियम का पालन नहीं किया गया था और 31 दिसंबर 2016 की जगह नवंबर 2015 तक उपलब्ध पदों को ही गणना में लिया गया था।
वकील की महत्त्वपूर्ण दलील
वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जिन तहसीलदारों के वार्षिक प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं थे। उनके मामले और प्रकरण को रोके रखा गया और उनके पद को रोक लिया गया। वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि पदोन्नति समिति की मूल बैठक सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण संबंधित लंबित मामलों में 12 मई 2016 को पारित अंतरिम आदेश के पूर्व आयोजित हुई थी। ऐसे में बचे हुए पदों को भरने के लिए रिव्यू पदोन्नति बैठक आयोजित करने में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है।
वकील ने पक्ष लेते हुए कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से इस संबंध में विधि विभाग से अभिमत भी लिया गया लेकिन कार्मिक शाखा द्वारा इसमें विलंब किया जा रहा है। जिसके कारण तहसीलदारों को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है। जिस पर हाईकोर्ट द्वारा रिव्यू मीटिंग के निर्देश दिए गए हैं।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में निर्देश देते हुए कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग अपर मुख्य सचिव द्वारा अभिमत के आधार पर पदोन्नति नियम के अनुसार 12 मई 2016 तक उपलब्ध सभी पदों को शामिल करें और 90 दिन के भीतर रिव्यू डीपीसी आयोजित करें।
तहसीलदारों को मिलेगा लाभ
वहीं रिव्यू डीपीसी आयोजित किए जाने के साथ ही 40 पदों पर लंबे समय से प्रमोशन का इंतजार कर रहे तहसीलदार को डिप्टी कलेक्टर के पद पर पदोन्नति दी जा सकती है।