नई दिल्ली : आज देश में ‘वीर बाल दिवस’ मनाया जा रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर इस दिन को मनाने की घोषणा की थी। गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया है। पीएम मोदी ने आज दिल्ली के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ‘विश्व का हजारों वर्षों का इतिहास क्रूरता के खौफनाक अध्यायों से भरा है। इतिहास से लेकर किवदंतियों तक हर क्रूर चेहरे के सामने महानायकों और महानायिकाओं के भी एक से एक महान चरित्र रहे हैं।’ उन्होने कहा कि ये मिसाल है मुगल सल्तनत से लोहा लेते हुए लाखों की फौज का सामना करते हुए निडर गुरु के वीर साहबजादे की। वो न किसी से डरे न ही किसी से सामने झुके।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों के धैर्य, शौर्य और पराक्रम का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। इनकी बहादुरी की मिसाल सदियों को प्रेरणा दे रही है। उन्होने कहा कि ‘जिस देश की विरासत ऐसी हो, जिसका इतिहास ऐसा हो उसमें स्वाभाविक रूप से स्वाभिमान और आत्मविश्वास कूट कूटकर भरा होना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्य से इतिहास के नाम पर हमें गढ़ी हुई बातें पढ़ाई जाती रही, जिनसे हमारे अंदर हीनभावना पैदा है। लेकिन हमारे समाज ने हमारी परंपराओं ने इस गौरव गाथाओं को जीवंत रखा। अगर हमें भारत को भविष्य में सफलता के शिखर तक ले जाना है तो हमें अतीत के संकुचित नजरिये से भी आजाद होना पड़ेगा। इसीलिए आजादी से अमृतकाल में देश से गुलामी की मानसिकता के मुक्ति का प्रण फूंका है। वीर बाल दिवस देश के उन पंच प्राणों के लिए प्राणवायु की तरह है।’ उन्होने कहा कि इतनी कम उम्र में साहबजादों के बलिदान में हमारे लिए उपदेश छिपा हुआ है।
बता दें कि सरसा नदी के तट पर मुगल सेना ये युद्ध के दौरान दोनों साहिबजादे को बंदी बना लिया गया था। उनसे इस्लाम धर्म कबूल करने को कहा और ये बात न मानने पर उन्हें सिर्फ 8 और 5 साल की उम्र में कथित तौर पर जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया। पीएम मोदी ने वीर बाल दिवस पर कहा कि सिख गुरु परंपरा केवल आस्था और अध्यात्म की परंपरा नहीं है, ये एक भारत श्रेष्ठ भारत के विचार का भी प्रकाशपुंज है। उन्होने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह की जीवन यात्रा हमें एक सूत्र में बंधने के लिए प्रेरित करती है। उन्होने कहा कि अब नया भारत दशकों पहले हुई एक पुरानी भूल को सुधार रहा है। किसी भी राष्ट्र की पहचान उसके सिद्धांतों, मूल्यों और आदर्शों से होती है। युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए रोल मॉडल की जरुरत होती है। सीखने और प्रेरणा लेने के लिए महान व्यक्तित्व वाले नायकों की आवश्यकता होती है और इस लिहाज से आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है।