मध्यप्रदेश की प्रमुख रियासतें में होलकर रियासत प्रमुख है , जिसका केंद्र वर्तमान इंदौर है .
होलकर राजवंश मल्हार राव से प्रारंभ हुआ , मुग़ल साम्राज्य के पतन के बाद मराठो का मालवा में अधिपत्य स्थापित हुआ , 1727 ई में मल्हार राव को मालवा का सूबेदार बनाया गया . 1730 ई को मल्हार राव को मालवा के शासक के रूप में नियुक्त किया गया . इस प्रकार होलकर राजवंश के संस्थापक मल्हार राव होलकर हुए . होलकर को मराठा महासंघ के लगभग स्वतंत्र पाँच शासकों में से एक के रूप में स्वीकार किया गया।
होलकर राजवंश के शासक
मल्हार राव होलकर प्रथम
मालेराव होलकर
अहिल्याबाई होलकर
तुकोजीराव होलकर
काशीराव होलकर
यशवंतराव होलकर प्रथम
मल्हार राव होलकर तृतीय
मार्तण्डराव होलकर
हरिराव होलकर
खांडेराव होलकर तृतीय
तुकोजीराव होलकर द्वितीय
शिवाजीराव होलकर
तुकोजीराव होलकर तृतीय
यशवंतराव होलकर द्वितीय (शासन: २६ फ़रवरी १९२६ से १९४८)
मल्हारराव होलकर :-
मध्य भारत में होलकर राजवंश की स्थापनी की . इंदौर इनकी राजधानी थी , उन्होने 1720 के दशक मे मालवा क्षेत्र में मराठा सेनाओं की कमान संभाली और 1730 ई को मल्हार राव को मालवा के शासक के रूप में नियुक्त किया गया, 20 मई 1761 को मल्हार राव की मृत्यु हो गई , उनकी मृत्यु के समय वह मालवा के ज्यादातर क्षेत्र मे शासन किया और मराठा महासंघ के लगभग स्वतंत्र पाँच शासकों में से एक के रूप में स्वीकार किया गया।
देवी अहिल्या बाई :-
मल्हार राव के बाद उनकी बहू अहिल्याबाई होलकर (१७६७-१७९५ तक शासन किया) ने शासन की कमान संभाली। उनका जन्म महाराष्ट्र में चौंडी गाँव में हुआ था। उन्होने राजधानी को इंदौर के दक्षिण मे नर्मदा नदी पर स्थित महेश्वर पर स्थानांतरित किया। रानी अहिल्याबाई कई हिंदू मंदिरों की संरक्षक थी। उन्होने अपने राज्य के बाहर पवित्र स्थलों में मंदिरों का निर्माण किया।
यशवंतराव द्वितीय ने 1947 में भारत की आजादी तक इंदौर राज्य पर शासन किया। इंदौर को मध्य प्रदेश में 1956 में विलय कर दिया गया।