शिवपुरी : भ्रष्टाचार पर सरकार के लगातार एक्शन के बाद भी अधिकारी कर्मचारी रिश्वत लेने से नहीं घबराते। उन्हें ना तो अपनी प्रतिष्ठा जाने का डर है और ना ही नौकरी पर खतरे की चिंता। इसी क्रम में शिवपुरी जिले के पिछोर तहसील में पटवारी को 10 हजार की रिश्वत लेते लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा है। जानकारी के अनुसार, जिले के पिछोर कस्बे में एक पटवारी को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ लोकायुक्त की टीम ने गिरफ्तार किया है। पटवारी ने पीड़ित से पट्टे की जमीन पर असल नाम चढ़ाने के एवज में रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित ने इसकी शिकायत लोकायुक्त ग्वालियर में दर्ज कराई थी। पटवारी को दिए जाने वाली रिश्वत की तारीख के दिन लोकायुक्त की टीम ने पटवारी को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार दरगवां निवासी शालीगराम लोधी की नो बीघा तीन बिस्वा की पट्टे की जमीन बपाउली गांव के सर्वे नंबर 638 पर 1978 में दर्ज थी। वर्ष 2022 में शालीगराम के भाई ने कूटनीति रचते हुए पटवारी लाखन सिंह बारले के साथ मिलकर अपने नाम करा ली। इसकी कई शिकायतें शालीगराम लोधी के द्वारा दर्ज कराई गई थी। परन्तु शालीगराम को न्याय नहीं मिल पा रहा था।
40 हजार में हुआ था सौदा तय, 20 हजार में हुआ था पटवारी राजी
जानकारी के अनुसार शालीगराम लोधी के बेटे बादाम सिंह लोधी से पटवारी लाखन सिंह बारले के द्वारा पट्टे की जमीन को सही नाम पर चढ़ाने की एवज में चालीस हजार रुपए की मांग की थी बादाम सिंह का पटवारी लाखन सिंह बारले से बीस हजार रुपए में सौदा तय हो चुका था। रिश्वत के दस हजार रुपए बादाम सिंह ने पटवारी लाखन सिंह को दे भी दिए थे। परंतु पटवारी के द्वारा और पैसों की मांग की जाने लगी थी। पटवारी के बदलते व्यवहार को देखते हुए बादाम सिंह लोधी ने इसकी शिकायत लोकायुक्त ग्वालियर में दर्ज कराई थी। आज योजनाबद्ध तरीके से पटवारी को दस हजार रुपए की रिश्वत पिछोर तहसील के पास दिया जाना तय हुआ था। जैसे आज बादाम सिंह लोधी ने पटवारी लाखन सिंह वारले को दस हजार रुपए की रिश्वत दी तभी लोकायुक्त की टीम ने रिश्वतखोर पटवारी को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया आरोपी पटवारी के हाथ रिश्वत के रंग में रंगे पाए गए। लोकायुक्त पुलिस ने आगे की कार्यवाही शुरू कर दी।