इन्दौर : राजनेताओं की भाषा कितनी बेलगाम हो चुकी है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब वे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को भी नहीं छोड़ते, उनके लिए भी कुछ भी बोलने से नहीं चूकते, इसका ताजा उदाहरण एक वायरल वीडियो है जिसमें कांग्रेस नेता राज्यपाल के लिए कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग कर रहे हैं जो अनुचित है।
सोशल मीडिया पर इस समय एक वीडियो वायरल हो रहा है, इस वीडियो में दिख रहे नेता अजय चौरड़िया हैं जो कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष है और कांग्रेस व्यापार उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं, ये पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीसीसी अध्यक्ष कमल नाथ के बहुत खास नेता भी बताये जाते हैं।
जानकारी के अनुसार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (DAVV) के स्टूडेंट्स विशेष परीक्षा की मांग के लिये शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, इसी दौरान उनके प्रदर्शन में अजय चौरड़िया भी शामिल हो गए, वे कुलपति डॉ रेणु जैन से छात्रों की मांग पर तत्काल निर्णय लेने का जोर डालने लगे।
उनका और कुलपति का इस विषय में वाद विवाद होने लगा, कुलपति बोली अब शाम के 6- 7 बजे मैं कैसे कोई ऑर्डर करुँगी, कल मैं आने के लिए तैयार हूँ, इसी बीच अजय चौरड़िया कहने लगे – आपको कुलपति बनाने के आर्डर हमारे ही दबाव में रात को 8 बजे गवर्नर ने किये थे, ऐसा नहीं है कि 6 बज गए तो हमको घर जाना है।
ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, एक राजनीतिक दल के नेता का विश्वविद्यालय के कुलपति वो भी महिला कुलपति के साथ इस तरह का व्यवहार अनुचित है, इतना ही नहीं वे अपनी तारीफ करने के दौरान ये भी कहने से नहीं घबराए कि राज्य के सर्वोच्च संवैधानिक पद राज्यपाल के लिए वो बोल क्या रहे हैं, कांग्रेस नेता अजय चौरड़िया ने राज्यपाल को उनके दबाव में फैसला लेने वाला तक बता दिया, जिसे कैसे भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
बहरहाल राजनीति में बयानबाजी का दौर अब बेलगाम बयानबाजी में बदलता जा रहा है, हमारे राजनेता अपनी मर्यादाएं भूल गए हैं उनकी नजर में वो ही सर्वश्रेष्ठ हैं, सत्ता में बैठी पार्टी के नेताओं को विपक्ष के नेताओं और विपक्ष के नेताओं को सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कुछ भी कहने से अब गुरेज नहीं होता।
राजनीतिक गलियारों में इस वीडियो की चर्चा है, नेता इसे महामहिम राज्यपाल की गरिमा के प्रतिकूल बता रहे हैं, उनपर उंगली उठाने वाला बता रहे हैं और कांग्रेस उपाध्यक्ष अजय चौरड़िया पर कार्यवाही की बात कह रहे हैं। अब देखना ये है कि कमल नाथ जैसे गंभीर और वरिष्ठ राजनेता अपनी पार्टी के इस नेता पर कोई कार्यवाही करते हैं या नहीं ?