नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अंडमान और निकोबार आइलैंड में स्थापित होने वाले नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित एक प्रस्तावित स्मारक के मॉडल का अनावरण किया और कहा कि इससे लोगों में देशभक्ति की भावना का संचार होगा। पीएम मोदी ने कहा कि आइलैंड आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा के स्रोत होंगे। पीएम ने नेताजी को श्र्द्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी के योगदान को कम करने की कोशिश की गई, लेकिन दिल्ली और बंगाल से लेकर अंडमान निकोबार आइलैंड तक पूरा देश आज महान नायक को श्रद्धांजलि दे रहा है, उनसे जुड़े इतिहास और विरासत को सहेज रहा है। उन्होंने आगे कहा कि नेताजी को कोलोनियल रूल के खिलाफ उनके तीव्र प्रतिरोध के लिए याद किया जाएगा।

‘तीर्थ स्थल’ से कम नहीं
सरकार के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए मोदीजी ने कहा कि नेताजी की फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग कई लोगों ने लंबे समय से की थी और उनकी सरकार ने ऐसा किया है।
उन्होंने कहा, “आज, यह मेरे लिए गर्व का क्षण है क्यूंकि मैं अंडमान के लोगों को संबोधित कर रहा हूं क्यूंकि यह वह भूमि है, जहां सुभाष चंद्र बोस ने 1943 में पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।”
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 21 द्वीपों के नामकरण की पहल की सराहना की थी और कहा था कि यह प्रयास देश के आर्म्ड फोर्सेज़ के लिए प्रोत्साहन का स्रोत होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में सेलुलर जेल, जहां कई स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था, किसी “तीर्थ स्थल” से कम नहीं है।