नीमच : जिला जनपद संघ अध्यक्ष प्रहलाद भट्ट के नेतृत्व में अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नाम तहसीलदार को सौंपा उससे पहले सभी जनपद सदस्य कार्यालय पहुंचकर सांकेतिक तालाबंदी भी की गई। बता दें कि जनपद पंचायत नीमच अंतर्गत ग्राम पंचायत कराडिया महाराज, विसलवास कला में लोकार्पण एवं भूमि पूजन कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें संबंधित क्षेत्र के जनपद सदस्यों को आमंत्रित नहीं किया गया। इन कार्यक्रमों के दौरान किए गए शिलान्यास में भी जनपद सदस्यों का नाम अंकित नहीं किया गया। इसी तरह शासन द्वारा आयोजित आनंद उत्सव में भी जनपद सदस्यों को नहीं बुलाया गया।
जनपद पंचायत मनासा अंतर्गत आतरी माता मेले के दौरान भी जनपद सदस्यों की उपेक्षा की गई। उक्त मामले की जांच कराई जाए साथ ही जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। और जनपद सदस्य को उनके क्षेत्र में आयोजित होने वाले सभी शासकीय कार्यक्रम में आमंत्रित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। जनपद उपाध्यक्ष अनीता महेश नागदा का भूमि बोर्ड शिलालेख पर नामांकित नहीं किया गया। त्रिस्तरीय पंचायत राज व्यवस्था के तहत जनपद सदस्यों का निर्वाचन होता है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में जनपद सदस्यों को जनहित के कार्यों के लिए कोई अधिकार नहीं दिए गए हैं। क्षेत्र की व्यापकता को देखते हुए जनपद सदस्यों के अधिकार एवं सुविधा व्यवस्था बढ़ाई जाए, ताकि बेहतर काम हो सकें। जिसके लिए निम्नानुसार निवेदन पेश है।
यह है मांग
1- यह कि जनपद सदस्य दो से तीन ग्रामपंचायत क्षेत्रों से निर्वाचित होकर आते हैं। पांच हजार से दस हजार की आबादी वालेक्षेत्र से निर्वाचन के बावजूद जनपद सदस्यों को पर्याप्त अधिकार नहीं दिए गए हैं। इस कारण जनपद सदस्यों को धरातल पर काम करने में काफी परेशानी आती है। यहां तक कि अनेक कार्यों के अवसर पर उपेक्षित भी होना पड़ता है। इस कारण जनपद सदस्यों को उनके निवास क्षेत्र की ग्राम पंचायत में बैठक के लिए कक्ष एवं फर्नीचर की व्यवस्था होनी चाहिये।
2 – यह कि जनपद के वार्ड की सभी पंचायत मुख्यालयों पर संबंधित जनपद सदस्य का नाम और मोबाइल नंबर अंकित कराया जाना चाहिए।
3- यह कि प्रोटोकॉल के तहत जनपद सदस्य को स्तरीय पंचायतों में उनके अपने-अपने वार्ड के कार्यक्रमों, ग्राम सभा, साधारण सभा, शासन केकार्यक्रमों में अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जाना चाहिये। लोकार्पण एवं भूमि पूजनके शिलालेख पर अनिवार्य रूप से जनपद सदस्य, जिला पंचायतसदस्य एवं जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष का नाम वरीयताक्रम में अंकित कराया जाना चाहिए।
4- यह कि जनपद सदस्य दो से तीन या चार ग्रामपंचायत क्षेत्र से निर्वाचित होकर आते हैं। इतना व्यापक क्षेत्र होने के बावजूदजनपद सदस्यों का मानदेय केवल 1500 रुपये निर्धारित किया हुआ है। क्षेत्र की व्यापकता के लिहाज से जनपद सदस्यों का मानदेय 20,000 रुपये किया जाए। साथ ही भत्ता १० हजार रूपये किया जावे।
5- राशियों, सहित ग्राम पंचायतों में सभी प्रकार के कार्य स्वीकृति यह कि राज्य वित्त आयोग की (14 वेंवित्त, 15वें वित्त, 5 वें वित्त, खनिज मद आदि )
दौरान संबंधित वार्ड के जनपद सदस्य का अनुमोदन अनिवार्य किया जाए। इसके अलावा जनपद सदस्य विकास निधी 50 लाख रुपये निर्धारित की जाए।
6- यह कि शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से जनपद पंचायत द्वारा ग्राहाय किए जाने वाले आवेदनों में संबंधित ग्राम पंचायत के साथ ही जनपद सदस्यों का प्रमाणीकरण अथवाअनुमोदन अनिवार्य किया जाए। इस व्यवस्था से हितग्राही मूलक योजनाओं में भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा और हितग्राही के कार्य में विलम्ब होने पर निगरानी भी हो सकेगी।
7- यह कि जनपद स्तरीय अधिकारी, कर्मचारियों की सीआर लिखने का अधिकार जनपद पंचायत के निर्वाचित बोर्ड को दियाजाए। इससे कर्मचारियों के टालमटोल वाले रवैये में बदलाव होगा।
8- यह की ग्राम पंचायत में होने वाले सभी कार्यों का जो भी आए हुए का लेखा-जोखा हो उसकी जानकारी जनपद सदस्य को हो इसकी समुचित व्यवस्था की जावे।
9- यह कि पौधारोपण के पॉइंट जो प्रत्येक ग्राम पंचायत में दे जाते हैं उसमें भी जनपद सदस्य की स्वीकृति होना सुनिश्चित करें।
10- यह कि जनपद सदस्यों के मार्गदर्शन में प्रत्येक माह अपने जनपद वार्ड के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायतों में जन समस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जावे तथा क्षेत्रीय ग्राम पंचायतों जनपद पंचायतों से संबंधित सभी कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जावे।