भोपाल : बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने प्रदेश की विद्युत कंपनियों के संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा जारी अनिश्चितकालीन हड़ताल को समाप्त कराते हुए उनकी मांगों का निराकरण करने की मांग की है।

बीजेपी विधायक ने लिखा पत्र
इस पत्र में उन्होने लिखा है कि ‘मध्यप्रदेश की विद्युत कंपनियों के संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा की जा रही अनिश्चितकालीन हड़ताल 21.01.2023 से लगातार जारी है, जिस कारण प्रदेश की विद्युत व्यवस्था चरमरा गई है, संपूर्ण विंध्य क्षेत्र में लगातार हो रही हड़ताल के कारण किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है, विद्युत के सुधार कार्य व जले ट्रांसफार्मर बदलने का काम भी बंद है, कुल मिलाकर ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। हड़ताल के कारण हो रही अव्यवस्था के कारण जनता को हो रही परेशानी के मामले में दुष्परिणाम आगामी विधानसभा चुनाव में भोगने पड़ सकते हैं।’
‘अतः इस संबंध में निवेदन है कि प्रदेश की बिजली कंपनियों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करने पर विचार करें क्योंकि वह लगातार 10 वर्षों से पूरी मेहनत के साथ विद्युत व्यवस्था को दुरूस्त कर रहे हैं। इनके नियमितीकरण से सरकार पर बहुत ज्यादा वित्तीय भार नहीं आयेगा। यह भी मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि इन कर्मचारियों से प्रत्येक तीन वर्षों में नवीन अनुबंध के लिए उच्चाधिकारियों द्वारा ब्लैकमेल किया जाता है, जो कि उचित नहीं है। अत्यधिक कर्मचारी वर्तमान में ओह्वरऐज हो चुके हैं एवं अत्यधिक कार्य के दबाव में होने के कारण अब किसी अन्य परीक्षा की तैयारी भी नहीं कर सकते हैं, अतः इन कर्मचारियों को नियमित किये जाने हेतु गंभीरतापूर्वक विचार किये जाने की आवश्यकता है।’
‘वर्तमान में इन कर्मचारियों के लिए विभाग/कंपनियों के द्वारा कोई अन्य सुरक्षा सुविधा व कोई प्रशिक्षण इत्यादि भी नहीं दिया जाता है, जिसके कारण विद्युत दुर्घटनाओं में वृद्धि हो रही है, इन कर्मचारियों की मृत्यु के बाद मात्र 4 लाख रू. दिये जाते हैं, जो कि उनके परिवार के जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है, इन कर्मचारियों को 45 वर्ष की आयु के बाद निकाल दिया जाता है, जबकि शासकीय कर्मचारियों की आयु 62 वर्ष है। अतः आपसे निवेदन है कि विद्युत कंपनियों के संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगों का अतिशीघ्र समुचित निराकरण कर हड़ताल को समाप्त कराने की कृपा करें।’