MP कर्मचारियों का महंगाई भत्ता हुआ 38%, फिर भी कर्मचारी संघ नाराज, सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप…

भोपाल :  चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने राज्य के 7.50 लाख कर्मचारियों को तोहफा देते हुए महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केन्द्र के समान 38 फीसदी हो गया है, बावजूद इसके कर्मचारी संगठन खुश नही है, क्योंकि डीए को 1 जनवरी 2023 से लागू किया गया है, जब केन्द्र सरकार ने इसे जुलाई 2022 से लागू किया है,  कर्मचारियों ने एमपी सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया है। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जारी 4% महंगाई भत्ता कर्मचारियों के साथ बहुत बड़ा धोखा है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा केंद्रीय दर और केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता देने की बात कई बार कही गई है लेकिन इस बार भी जुलाई 2022 से मिलने वाला महंगाई भत्ता जनवरी 2023 से प्रदान किया जा रहा है जो कि न्यायोचित नहीं है।

भेदभाव का आरोप

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि इससे प्रत्येक कर्मचारी को 6 महीने का आर्थिक नुकसान हुआ है एक तरफ भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को केंद्रीय दर और केंद्रीय तिथि से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दी जा रही है वहीं प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों को हमेशा देर से महंगाई भत्ता और राहत दी जाती है जो कर्मचारियों के आर्थिक हितों पर कुठाराघात है।

ऐसे होगा कैलकुलेशन

दरअसल, राज्य शासन ने कर्मचारियों को DA में 4% की वृद्धि के आदेश जारी कर दिए हैं। DA में वृद्धि के आदेश के बाद DA दर 1 जनवरी 2023 से (भुगतान माह फरवरी 2023) में बढ़ कर कुल 38% हो जायेगा।वर्तमान में कर्मचारियों को 1 अगस्त 2022 से 7वें वेतनमान में 34% की दर से DA दिया जा रहा था। DA दर में 50 पैसे अथवा उससे अधिक पैसे को अगले उच्चतर रुपए में पूर्णांकित अंकित किया जाएगा और 50 पैसे से कम राशि को छोड़ दिया जाएगा।DA का कोई भी भाग किसी भी प्रयोजन के लिए वेतन के रूप में नहीं माना जाएगा।राज्य शासन ने यह भी निर्देश दिए हैं DA के भुगतान पर किया गया व्यय संबंधित विभाग के चालू वर्ष के स्वीकृत बजट के प्रावधान से अधिक नहीं हो।

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