1 अप्रैल से सड़कों से हटेंगे 15 साल से पुराने 9 लाख सरकारी वाहन, नए वाहन उनकी जगह लेंगे…

नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों, ट्रांसपोर्टेशन कारपोरेशन और पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों के ऑक्यूपेंसी वाले नौ लाख से अधिक वाहन, जो 15 साल से पुराने हैं, 1 अप्रैल से सड़कों से हट जाएंगे और नए वाहन उनकी जगह लेंगे। इंडस्ट्री बॉडी FICCI द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि सरकार इथेनॉल, मेथनॉल, बायो-सीएनजी, बायो-एलएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए कई कदम उठा रही है।

हटेगी प्रदुषण फ़ैलाने वाली बसेस और कार्स 

“हमने अब नौ लाख से अधिक सरकारी वाहनों को स्क्रैप करने की मंजूरी दे दी है, जो 15 साल से अधिक पुराने हैं। प्रदूषण फैलाने वाली बसें और कारें सड़क से हट जाएंगी और अल्टरनेटिव फ्यूल वाले नए वाहन उनकी जगह लेंगे। इससे वायु प्रदूषण में काफी हद तक कमी आएगी,” सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक रीसेंट नोटिफिकेशन के अनुसार, 1 अप्रैल से, केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा ओन किये जाने वाले सभी वाहन, जिनमें ट्रांसपोर्टेशन कॉर्पोरेशंस और पब्लिक सेक्टर उपक्रम के द्वारा ओन किये जाने वाली बसें शामिल हैं, जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें स्क्रैप कर दिया जाएगा।

इन पर नहीं लागू होगा नियम

देश की रक्षा और कानून व्यवस्था और इंटरनल सिक्योरिटी के मेंटेनेंस के लिए ऑपरेशनल ओब्जेक्टिवेस के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष पर्पस वाहनों (कवचवाली/ आरमर्ड और अन्य स्पेशल व्हीकल्स) पर नियम लागू नहीं होगा।”वाहन के इनिशियल रजिस्ट्रेशन की तारीख से 15 वर्ष की एक्सपायरी के बाद, वाहनों का डिस्पोजल, मोटर वाहन सुविधा माध्यम (पंजीकरण और वाहन स्क्रैपिंग सुविधा के कार्य) नियम, 2021 के अनुसार एस्टाब्लिशड रेजिस्ट्रेड वाहन स्क्रैपिंग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

केंद्रीय बजट 2021-22 में घोषित इस नीति में निजी वाहनों के लिए 20 साल बाद और व्यावसायिक वाहनों के लिए 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट का प्रावधान है। 1 अप्रैल, 2022 से प्रभावी नई नीति के तहत, केंद्र ने कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बाद खरीदे जाने वाले वाहनों के लिए रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत तक की छूट प्रदान करेंगे।

दक्षिण एशियाई क्षेत्र का वाहन स्क्रैपिंग हब 

पिछले साल, गडकरी ने देश में पूरे दक्षिण एशियाई क्षेत्र का वाहन स्क्रैपिंग हब बनने की क्षमता का दावा करते हुए कहा था कि वह प्रत्येक शहर के केंद्र से 150 किलोमीटर के भीतर कम से कम एक ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग सुविधा विकसित करना चाहते हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2021 में राष्ट्रीय वाहन स्क्रैपेज नीति की शुरुआत की थी और कहा था कि यह अनुपयुक्त और प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने में मदद करेगा और एक सर्कुलर इकॉनमी को भी बढ़ावा देगा।
गडकरी ने कहा कि अगर देश परिवहन के लिए रणनीतिक और व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करता है तो, 2070 तक नेट जीरो हासिल करने का भारत का लक्ष्य बहुत हद तक हासिल किया जा सकता है।

डीकार्बोनाइज करने की आवश्यकता

गडकरी ने डीकार्बोनाइजशन की बात पर जोर देते हुए कहा, “परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइज करने की तत्काल आवश्यकता है। गडकरी ने आगे कहा कि समय की मांग है कि सभी विश्व स्तरीय सुख-सुविधाओं के साथ इलेक्ट्रिक मोड पर अधिक बसें हों क्योंकि यह अधिक से अधिक लोगों को सार्वजनिक ट्रांसपोर्टेशन की ओर आकर्षित करेगी और पर्सनल व्हीकल के उपयोग को कम करेगी।

गडकरी के अनुसार, चीन में लोजिस्टिक्स कॉस्ट 8 से 10 फीसदी, यूरोपीय देशों में 12 फीसदी, अमेरिका में 12 फीसदी और भारत में 14-16 फीसदी है।
उन्होंने कहा, “हमारी महत्वाकांक्षा भारत की लोजिस्टिक्स कॉस्ट को एक अंक में लाने की है।”

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