मध्यप्रदेश : शिवराज-कमलनाथ आमने सामने, वादाखिलाफी और झूठ बोलने का आरोप…

भोपाल : शिवराज सिंह चौहान ने जबसे कमलनाथ से सवाल करने शुरू किए हैं..रोज ही एक नई सियासी जंग देखने को मिल रही है। इसी सिलसिले में एक बार फिर शिवराज-कमलनाथ आमने सामने हैं। सीएम शिवराज ने कांग्रेस के वचन पत्र को लेकर सवाल खड़े किए हैं। उन्होने कहा कि ‘जिन वादों को पूरा करने का वचन देखकर कमलनाथ जी सत्ता में आए उनमें से एक भी पूरा नहीं किया।’ वहीं कमलनाथ ने भी बीजेपी के घोषणा पत्र के आधार पर उन्हें घेरा है।

सीएम शिवराज ने कांग्रेस पर लगाया आरोप

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार कांग्रेस पर झूठे वादे करने का आरोप लगा रहे हैं। एक बार फिर उन्होने कहा है कि ‘2018 में कई झूठे वादे करके जितने समझ में आए सब वचन पत्र में लिख दिए गए और जिन वादों को पूरा करने का वचन देकर सत्ता में आए, उनमें से कोई पूरा नहीं किया। यही सच मैं, जनता के सामने उजागर करना चाहता हूं कि कांग्रेस झूठ बोलती है, कमलनाथ झूठ बोलते हैं। जो कहते हैं वो कभी नहीं करते। इसलिए उन्होंने एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। वो इधर – उधर की बातें करके सवालों से बचते हैं। लेकिन जनता के बीच में सच उजागर करना हमारी ड्यूटी है। 2018 के वचन पत्र में कमलनाथ जी ने लिखवाया था आर्थिक कृषि यंत्र जिनकी लागत 2 लाख रुपए तक है उस पर 50% अनुदान दिया जाएगा। सवा साल में आपने कितना अनुदान दिया ये तो बता दो ? एक धेला नहीं दिया, अनुदान देने की तो दूर की बात है कई योजनाओं के अनुदान बंद कर दिए।’ उन्होने कहा कि मुझे पता है कि वो फिर से ट्विटर की चिड़िया उड़ाएंगे, हालांकि उनके नेता ही आजकल उनके हाथ के तोते उड़ा रहे हैं। हाथ जोड़ते हुए तो कहीं दिख नहीं रहे है लेकिन आपस में जरूर युद्ध शुरू हो गया है।

कमलनाथ का पलटवार

वहीं कमलनाथ ने पलटवार करते हुए कहा है कि ‘आप तो रोज अपना मजाक उड़वाने के लिए ऊटपटांग बातें करने लगते हैं? पद की गरिमा और गंभीरता को समझिये।’ उन्होने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि ‘शिवराज जी भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में घोषणा की थी कि “सभी किसानों को जीरो टिल सीड ड्रिल और हैपी टर्बो सीडर्स पर 90% सब्सिडी दी जाएगी ताकि कटाई में विलंब के कारण दूसरी फसल पर असर ना पड़े। प्रदेश के किसी एक भी किसान को 90% सब्सिडी मिली हो तो आप जनता को बता दें।’ पुरानी पेंशन बंद करने पर भी पीसीसी चीफ ने उन्हें घेरते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बंद करके सरकारी कर्मचारियों से रिटायरमेंट के बाद जीवन-यापन का हक़ छीन लिया। इसी के साथ उन्होने एक बार फिर कांग्रेस के सत्ता में आने पर पेंशन बहाली की घोषणा भी की।

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