भोपाल : मध्य प्रदेश के सियासी हलके में पिछले कुछ दिनों के क्विज़ चल रहा है। कभी मुख्यमंत्री सवाल करते हैं कभी पूर्व मुख्यमंत्री। दोनों ही एक दूसरे पर गलत जवाब देने का आरोप लगाते हैं और इस क्विज गेम में एक दूसरे को शून्य नंबर से नवाज़ रहे हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस के 2018 वचनपत्र में से एक एक वादा निकालकर ला रहे हैं और सवाल की शक्ल दे रहे हैं। वहीं कमलनाथ ट्विटर पर उनसे जवाबतलबी कर रहे हैं।

सवाल दर सवाल
इसी सिलसिले में मंगलवार को कमलनाथ ने कुछ ऐसा कहा..जो बवाल से कम नहीं। उन्होने शिवराज सिंह चौहान को ‘भगौड़े मुख्यमंत्री’ की उपाधि से नवाज़ते हुए कहा कि ‘शिवराज चौहान जी सवालों से भागकर आप मध्य प्रदेश की जनता की निगाह में एक भगोड़े मुख्यमंत्री बनते जा रहे हैं। आप भाजपा की वह स्थिति कर देना चाहते हैं जिसे कहते हैं- हम तो डूबेंगे सनम, तुम्हें भी ले डूबेंगे।’ उन्होने ये भी कहा कि ‘अगर आंख का पानी बचा हो तो जनता के सवाल का जवाब दीजिए: आपने वादा किया था कि हर जाति के सीमांत और लघु किसान को सूरजधरा और अन्नपूर्णा योजना में शामिल करके रियायती दरों पर उच्च गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराए जाएंगे।’
इश्क,जंग और सियासत में सब जायज़
ये चुनावी साल है। सीएम शिवराज सिंह चौहान कांग्रेस के पुराने वचनपत्र के अधूरे वायदों को जनता के सामने लाकर ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि अभी जो वादे कर रही है कांग्रेस वो भी हवाई हैं। वहीं कमलनाथ का कहना है कि 18 साल तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज अगर मुझसे सवाल कर रहे हैं तो ये शर्म की बात है। एक दूसरे को झूठा साबित करने के लिए नए पुराने वादों, घोषणाओं और योजनाओं की लानत मलानत हो रही है। हमने कहावत सुनी है कि इश्क और जंग में सब जायज़ है..नए संदर्भों में इसमें सियासत भी जोड़ देनी चाहिए। इश्क, जंग और सियासत में सब जायज़ है। अभी तो जुबानी जंग और तेज़ होगी। जैसे जैसे चुनाव का त्योहार नजदीक आएगा..आतिशबाजियां बढ़ेंगी और जनता को कई तरह के ‘गिफ्ट ऑफर’ भी मिलेंगे। फिलहाल तो सवालों का सिलसिला जारी है और बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे को मात देने की कोशिशों में जुटी हुई है।