आलोट यूरिया लूटकांड में गोदाम इंचार्ज की खुदकुशी के बाद कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग…

भोपाल : रतलाम के आलोट में करीब तीन महीने पहले हुई यूरिया लूट मामले में गोदाम प्रभारी और शिकायतकर्ता भगतराम यदु की आत्महत्या के बाद नया मोड़ आ गया है। इस मामले में अब कांग्रेस ने सीबीआई जांच की मांग की है। भगतराम यदु का शव मंगलवार को आलोट तहसील के ताल गांव में गोदाम कार्यालय में लटका हुआ मिला था। इसे लेकर कांग्रेस ने कहा है कि ‘आलोट में किसानों को खाद की अनुपलब्धता को लेकर कांग्रेस विधायक श्री मनोज चावला को उच्चस्तरीय निर्देश पर झूठे प्रकरण में जेल पहुंचाने के बाद आत्महत्या करने वाले गोदाम प्रभारी के मामले की सीबीआई जांच हो। मुख्यमंत्री का नाम आना प्रदेश के राजनैतिक इतिहास को कलंकित करने वाली घटना है।’

ये है मामला

10 नवंबर 2022 को आलोट के गोदाम से यूरिया खाद की लूट हुई थी। एफआईआर मध्यप्रदेश विपणन संघ के गोदाम संचालक भगतराम यदु ने (53) इस मामले की शिकायत पुलिस में की थी। इसी के साथ उन्होने आलोट से कांग्रेस विधायक मनोज चावला और कांग्रेस नेता योगेंद्र सिंह जादौन सहित अन्य लोगों पर इस मामले में आरोप लगाया था। शिकायत के बाद इन सभी को शासकीय कार्य में बाधा और खाद लूट की घटनाओं में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया गया। घटना के करीब तीन महीने बाद गोदाम इंचार्ज भगतराम यदु ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इसी दौरान उनके तीन वीडियो सामने आए हैं जिसमें वो काफी तनाव में और परेशान लग रहे हैं। उनकी खुदकुशी के बाद आलोट और नागदा के कांग्रेस नेताओं ने इसके लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए विरोधस्वरूप रैली भी निकाली।

कांग्रेस ने की CBI जांच की मांग

इस मामले में कांग्रेस आरोप लगा रही है कि राज्य सरकार के दबाव में कांग्रेस विधायक और नेताओं पर झूठे आरोप लगाए गए। कांग्रेस मीडिया प्रभारी के.के.मिश्रा ने कहा है कि जो वीडियो सामने आ रहे हैं उनमें गोदाम प्रभारी ने सीएम शिवराज सहित कुछ और लोगों के नाम लिए हैं और ये एक गंभीर घटना है। उन्होने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं प्रदेश कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष संगीता शर्मा ने भी इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा है कि ‘रतलाम आलोट यूरिया लूटकांड केस की उच्च स्तरीय सीबीआई जांच होना चाहिए। कांग्रेस हमेशा कहती है कि संविधान खतरे में है,भाजपा सरकार द्वारा प्रशासन का दुरुपयोग किया जा रहा है, ऐसे में लोकतंत्र बचाने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। अन्यथा ऐसे अनेक भगतराम को भोपाल के इशारे पर दबाव बनाकर खत्म होने पर मजबूर कर दिया जाएगा।’

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