ग्वालियर : मध्य प्रदेश सरकार स्कूलों को बेहतर बनाने और शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, सरकार के दावों में इसका उल्लेख भी होता है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत बिलकुल उलट है।विकास यात्रा के दौरान सरकारी स्कूल की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने ना सिर्फ चौंका दिया है बल्कि क्रोधित भी कर दिया है। मामला क्या है ये हम आपको आगे बताते हैं । मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इन दिनों प्रदेश में विकास यात्रा निकाल रही है, विकास यात्रा में मंत्री, विधायक, भाजपा के नेता और शासकीय अधिकारी कर्मचारी शहरी क्षेत्रों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों के दौरे पर हैं, इस दौरान जहाँ सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी जा रही है वहीं सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है।
मंत्री विधायक दे रहे करोड़ों की सौगात
यात्रा में शामिल मंत्री, विधायक करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की सौगात दे रहे हैं तो वहीँ अधिकारी सरकारी संस्थाओं का निरीक्षण कर रहे हैं, इसी निरीक्षण के दौरान सरकारी स्कूलों की एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसकी कल्पना शायद कोई नहीं करता।
सरकारी स्कूल पहुंचे एसडीएम बच्चों की बात सुनकर चौंक गए
विकास यात्रा शुक्रवार को ग्वालियर जिले के भितरवार ब्लॉक में निकाली गई। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी ग्राम मुसाहरी के सरकारी स्कूल का हाल जानने पहुँच गए, एसडीएम सीबी प्रसाद और तहसीलदार शिवानी पांडे ने जब स्कूल में पढ़ रहे बच्चों से बात की तो उनका जवाब सुनकर चौंक गए।
बच्चे बोले – “दारू पीकर पढ़ाते हैं सर”
अधिकारियों से बच्चों ने स्कूल के शिक्षक शिव प्रसाद रावत और शिव कुमार प्रधान की शिकायत की, बच्चों ने वहां मौजूद शिक्षकों के सामने ही कहा कि सर ठीक से पढ़ाते नहीं है, एक बच्ची ने सर की तरफ इशारा कर बेख़ौफ़ होकर बोला ये सर दारू (शराब) पीकर पढ़ाते हैं, बच्चे जोर से बोले सर के बैग में अभी भी बोतल रखी है। बच्चों की बात सुनकर तहसीलदार भी बोली इसका चेहरा भी बता रहा है, उन्होंने डांट लगाईं कि दारू पीकर पढ़ाते हो, परेशान करते हो शर्म नहीं आती।
एसडीएम ने कार्यवाही के लिए प्रस्ताव भेजा
बच्चों ने बताया कि यहाँ जो दो अतिथि शिक्षक हैं वे अच्छा पढ़ाते हैं, बाकी ये दोनों सर नहीं पढ़ाते, उल्टा स्कूल में शराब पीते हैं, इसके लिए हमसे पानी भी मंगाते हैं। बच्चों की शिकायत सुनने के बाद एसडएम सीबी प्रसाद ने भी शिक्षकों कइ फटकार लगाई, दोनों शिक्षकों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही का प्रस्ताव बनाकर कलेक्टर के पास भेजा जा रहा है।