नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने दिल्ली में 123 वक्फ संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का फैसला किया है। ये संपत्तियां कनॉट प्लेस, अशोक रोड, मथुरा रोड समेत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अन्य प्राइम लोकेशनों पर हैं। इनमें मस्जिद, दरगाह और कब्रिस्तान शामिल हैं। कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की दूसरी सरकार ने 2014 में ये संपत्तियां दिल्ली वक्फ बोर्ड के नाम करने का फैसला किया था। 2014 में लोकसभा के चुनाव हुए थे। तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) वीएस संपत ने 4 मार्च, 2014 को आम चुनावों की घोषणा की थी। इससे ठीक एक दिन पहले 4 मार्च, 2014 को केंद्र की मनमोहन सिंह की कैबिनेट ने दिल्ली की एक दो नहीं बल्कि पूरे 123 संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बीजेपी आज भी इसे वोट के लिए मुस्लिम तुष्टीकरण का प्रत्यक्ष प्रमाण के तौर पर पेश करती है।
मनमोहन सरकार ने चली थी चुनावी दांव
मनमोहन सरकार की इस चुनावी चाल ने बेशक मुसलमानों का दिल जीता। वोटों के लिहाज से कांग्रेस और यूपीए गठबंधन को कितना फायदा हुआ, यह अलग प्रश्न है। लेकिन यूपीए सरकार के इस फैसले का उर्दू अखबारों में जमकर स्वागत किया गया था। कुछ बुद्धिजीवी मुसलमान इतने पर भी खुश नहीं हुए। वो आंकड़े गिनाने लगे कि कैसे मनमोहन सरकार की यह पहल ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन है। मिल्ली गजट नाम डिजिटल न्यूज प्लैटफॉर्म पर 20 मार्च को लिखे एक लेख में इस मंच के संस्थापक और संपादक जरफरुल इस्लाम खान ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार ने जो दिल्ली में 123 संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को ‘लौटाया’ है, उससे मुसलमानों को बहुत खुश होने की जरूरत नहीं है। जफरूल ने अपने लेख में गिनाया कि कहां-कहां वक्फ की संपत्तियां अब भी सरकारों के कब्जे में है। उन्होंने Return of 123 Waqf properties – no reason to rejoice (123 वक्फ संपत्तियों की वापसी- खुश होने का कोई कारण नहीं) शीर्षक से लिखे लेख में बताया कि देशभर में वक्फ की 6 लाख एकड़ जमीन है, दुनिया में सबसे ज्यादा।
जफरूल इस्लाम खान ने अपने लेख में दावा किया था कि भारत में वक्फ की 8 लाख संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं। उन्होंने दिल्ली में वक्फ की कुछ संपत्तियों की लिस्ट भी दी जिसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे। जफरूल इस्लाम ने बताया, ‘दिल्ली वक्फ की कुछ प्रसिद्ध संपत्तियों में सीजीओ कॉम्प्लेक्स, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, दिल्ली हाई कोर्ट, ओबरॉय होटल, दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड, एंग्लो-अरबिक स्कूल, बहादुर शाह जफर मार्ग पर अखबारों के दफ्तर, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (IGI Airport) और केंद्र सरकार के अनगिनत ऑफिस। 2002 में एलके आडवाणी ने 34 एकड़ में बने जिस मिलेनियम पार्क का उद्घाटन किया था, उसमें 10 एकड़ जमीन कब्रिस्तान की है जो वक्फ बोर्ड के अधीन है।’ उनके दावे के मुताबिक, कर्नाटक के बेंगलुरु में मशहूर विंडसर मैनोर होटल (Windsor Manor Hotel of Bangalore) भी वक्फ की संपत्ति है।