पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र, की ये बड़ी मांग…

भोपाल : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने सेना में अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग की है। उन्होने कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध, भारत चीन युद्ध, कारगिल युद्ध, सहित अनेक संघर्षों में यादव समाज के वीर जवानों ने देश का मान बढ़ाया है। सेना में पहले से है सिख रेजिमेंट, गोरखा रेजीमेंट, जाट रेजीमेंट, राजपूत रेजीमेंट, महार रेजीमेंट, मराठा रेजीमेंट, व डोगरा रेजीमेंट है। यदुवंशी-यादव समाज लंबे समय से अहीर रेजिमेंट की स्थापना की मांग कर रहा है और ये मानी जानी चाहिए।

कमलनाथ का पत्र

कमलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है ‘देश में यदुवंशी समाज द्वारा भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग निरंतर की जा रही है। यदुवंशी समाज की इस भावना के अनुरूप समय समय पर निर्वाचित जनप्रतिनिधियों एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा सदन के भीतर और सदन के बाहर अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग और समर्थन किया गया है, परंतु इस विषय पर अब तक सकारात्मक निर्णय नहीं हो सका है। भारत का इतिहार अहीर योद्धाओं की वीरता और साहस से भरा हुआ है। सर्वविदित है कि भारतीय सेना में यदुवंशी समाज के जवानों की वीरगाथा सुनाई जाती है। 1962 में भारत चीन युद्ध में 17 हजार फीट की दुर्गम पहाड़ी पर रेजांग लॉ युद्ध में 3 हजार चीनी सैनिकों से लोहा लेकर उन्हें खदेड़ने वाले 120 सैनिकों की टुकड़ी में शहीद होने वाले 114 सैनिक यदुवंशी समाज से थे। इस युद्ध में शहीद हुए मेजर शैतान सिंह को भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र और शहीद हुए 8 जवानों को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।’ इसी के साथ कमलनाथ ने अनेक उद्धरण दिए हैं जहां यदुवंशी समाज के जवानों ने अपनी वीरता और शौर्य से देश की सुरक्षा और सम्मान बढ़ाया है।

पत्र में उन्होने लिखा है कि ‘भारतीय सेना के साथ अर्धसैनिक बल, सशस्त्र पुलिस बल एवं अन्य सुरक्षा बलों में यदुवंशी समाज के जवान कार्यरत हैं और वो भी निरंतर देश की सेवा कर रहे हैं। यदुवंशी समाज के जवानों के पराक्रम अदम्य साहस और वीरता के अनेक उदाहरण हैं जो समाजजनों के देश की रक्षा के लिए जान न्यौछावर करने के जज्बे को स्थापित करते हैं और अहीर रेजिमेंट के गठन की मांग को प्रबल करते हैं। अतएव आपसे अनुरोध है कि भारतीय सेना में अहीर रेजिमेंट का गठन करने के लिए सकारात्मक निर्णय शीघ्र लेने का कष्ट करेंगे ताकि भारत देश के यदुवंशी समाजजनों की देशभक्ति से प्रेरित मांग शीघ्र पूर्ण हो सके।’

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