कांग्रेस राष्ट्रीय अधिवेशन : कमलनाथ ने पेश किया आर्थिक प्रस्ताव, कहा ‘देश के सामने 3 बड़ी चुनौतियां’

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने रायपुर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन में आर्थिक प्रस्ताव रखा। उन्होने कहा कि वे आर्थिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने और उसके समर्थन में खड़े हैं। प्रस्ताव की बुनियादी बात है रोजगार। उन्होने कहा कि आज देश के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां हैं जिनमें बेरोजगारी, हमारी संस्कृति की रक्षा और हमारे संविधान की रक्षा शामिल है। उन्होने कहा कि बेरोजगारी की समस्या का समाधान केवल कांग्रेस पार्टी कर सकती है।

‘बेरोजगारी का समाधान सिर्फ कांग्रेस के पास’

कमलनाथ ने कहा कि ‘मैं 50 साल पहले 1972 में कोलकाता में सॉल्ट लेक सिटी में कांग्रेस के महाअधिवेशन में पहली बार शामिल हुआ था। पचास साल बीत चुके हैं। उस समय का देश, उस समय की समस्या और आज में बेहद अंतर है।’ उन्होने कहा कि आज का नौजवान जो हमारे देश और प्रदेश का निर्माण करेगा भविष्य में, अगर उसका ही भविष्य अंधेरे में रहा तो कैसे भविष्य का निर्माण होगा। उन्होने कहा कि ‘आज नई पीढ़ी के सामने बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है और देश में करोड़ों नौजवान बेरोजगार हैं। किसी मंदिर या मस्जिद में जाने से रोजगार के नए मौके नहीं बनेंगे। रोजगार के नए मौके बनेंगे जब  हमारी सोच और हमारी योजनाएं रोजगारपरक हों। मैं तो कहता हूं कि बेरोजगारी की समस्या का समाधान केवल कांग्रेस पार्टी कर सकती है।’

संस्कृति और संविधान को बचाने का आह्वान

उन्होने कहा कि बेरोजगारी के साथ ही देश की संस्कृति भी एक बड़ी चुनौती है। हमारे देश और कांग्रेस की संस्कृति जोड़ने की संस्कृति है और आज ये खतरे में है। उन्होने कहा कि अगर भारत आज एक झंडे के नीचे है तो ये हमारी संस्कृति के कारण है और हमें इसे संभालकर रखना है।उन्होने संस्कृति और संविधान को सहेजकर रखने का आह्वान किया और कहा कि इसे गलत हाथों में जाने से बचाना है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस का 85वें अधिवेशन चल रहा है और शनिवार को यहां पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजनीति से रिटायरमेंट का इशारा भी कर दिया है। उन्होने अपने संबोधन में कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के साथ ही मेरी सियारी पारी अब अंतिम पड़ाव पर है। इस मौके पर उन्होने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार संवैधानिक मूल्यों को कुचलने का काम कर रही है।

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