भोपाल : मध्यप्रदेश को केन्द्र सरकार द्वारा एमएसमएई के विलंबित भुगतानों के निराकरण के लिये सूक्ष्म और लघु उद्यम फेसिलिटेश्न कॉउन्सिल को स्ट्रांग रिकवरी प्रोसिजर एवं प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिये, एमएसईएफसी एक्सीलेंस अवार्ड-2022 प्रदान किया है। इसी के साथ एक और उपलब्धि प्रदेश के खाते में दर्ज हो गई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस पुरस्कार के लिए प्रसन्नता जताते हुए एमएसएमई विभाग को बधाई दी है।
30 करोड़ से अधिक का विलंबित भुगतान
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश के एमएसएमई विभाग के सचिव और उद्योग आयुक्त पी. नरहरि को अवार्ड प्रदान किया। इस अवसर पर केन्द्रीय एमएसएमई के अतिरिक्त सचिव डॉ. रजनीश, लघु उद्योग भारती के सदस्य महेश गुप्ता, राजेश कुमार मिश्रा सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे। पी. नरहरि ने बताया कि एक जनवरी 2022 से दिसम्बर 2022 तक कॉउन्सिल की 19 बैठकें हुई, जिसमें कुल 472 प्रकरणों में सुनवाई की और 303 प्रकरणों में अन्तिम निर्णय कर विभागीय पोर्टल में अपलोड किये गये। अवार्ड एवं सुलह के माध्यम से तीस करोड़ 51 लाख 30 हजार 571 रूपये का भुगतान कराया गया। कॉउन्सिल की बैठक हर पहले व तीसरे शुक्रवार को की जाती है और उभय पक्षों को वर्चुअल सुनवाई की सुविधा भी दी जाती है।
उन्होने बताया कि केन्द्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम 2006 की धारा 15 से 23 तक सप्लायर को यह अधिकार होता है कि यदि उसने क्रेता को सामग्री / सेवा प्रदाय की है तो नियत दिनांक से 45 दिवस के पूर्व क्रेता को भुगतान करना आवश्यक है। समायवधि में भुगतान नहीं होता है तो, सप्लायर को अधिनियम अन्तर्गत क्रेता से मूलधन के साथ 3 गुना चक्रवृद्धि मासिक ब्याज पाने का दावा अधिनयम की धारा 18 में कर सकता है।