भोपाल : मध्य प्रदेश राज्य के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला है। दरअसल उन्हें नए वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा घोषणा की है। सरकार की घोषणा के तहत उन्हें सातवां वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इसके साथ ही उनके वेतन में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही उनके वेतन बढ़ कर 35000 रुपए तक हो सकते हैं।

सातवें वेतनमान का लाभ
पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायक सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। सरकार की घोषणा की गई थी। 3 मार्च को पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की बैठक बुलाई गई है। बैठक में पंचायत सचिवों और ग्राम रोजगार सहायकों के सातवें वेतनमान को लेकर भी चर्चा की जाएगी। इससे पहले विधानसभा में पंचायत सचिव और ग्राम रोजगार सहायकों को सातवें वेतनमान का मुद्दा उठाया गया था। जिस पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया द्वारा ट्वीट कर जानकारी दी गई थी।
लंबे समय से सचिव सातवें वेतनमान की कर रहे मांग
महेंद्र सिंह सिसोदिया ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 3 मार्च को होने वाली बैठक में पंचायत सचिव और ग्रामीण रोजगार सहायकों को सातवें वेतनमान का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा। लंबे समय से सचिव सातवें वेतनमान की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर धरने प्रदर्शन भी किए तक गए थे। यहां तक कि कुछ सचिव द्वारा कई महीनों की सैलरी के बावजूद उन्होंने भूख हड़ताल की थी। वही बजट से पहले पंचायत मंत्री द्वारा कर्मचारियों को साधने के लिए पंचायत सचिव ग्राम रोजगार सहायकों को सातवें वेतनमान देने की तैयारी की गई है। मध्य प्रदेश में कुल 23000 ग्राम पंचायत हैं, जिसमें कार्यरत ग्राम पंचायत सचिव और रोजगार सहायक को नए वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
3 महीने में कमेटी की रिपोर्ट होगी पेश
इससे पहले विधानसभा में कांग्रेस विधायक झूमा सोलंकी द्वारा पंचायत सचिव को सातवें वेतनमान और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग में संविलियन का मुद्दा उठाया गया था। जिसमें जानकारी देते हुए जवाब दिया गया कि सातवें वेतनमान और नियमितीकरण के लिए कमेटी बनाई गई रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। जिस पर कांग्रेस द्वारा पंचायत मंत्री को घेरे जाने के बाद समय सीमा की मांग की गई थी। इस पर सदन में जानकारी देते हुए पंचायत मंत्री ने कहा है कि 3 महीने में कमेटी की रिपोर्ट बुलाकर कार्रवाई को पूरा किया जाएगा। पंचायत मंत्री ने भी कहा कि इनकी अनुकंपा नियुक्ति की कार्यवाही भी प्रक्रिया के अधीन है, ग्राम रोजगार सहायकों के नियमितीकरण का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।