भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा में पहली बार ई-बजट प्रस्तुत किया गया। इस पेपरलेस बजट के लिए सदन में सभी को एप्पल के आईपैड दिए गए थे। लेकिन अब ये आईपैड बजट और अन्य मुद्दों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। कांग्रेस द्वारा इसे लौटाने का सिलसिला शुरू हो गया है। पहले नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अपना टैबलेट वापिस किया, इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी आईपैड लौटा दिया है। इधर उच्च शिक्षा मंत्री ने इस आईपैड को अपोलो कंपनी का बता दिया है।
कमलनाथ ने आईपैड लौटाया
पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बजट के विधानसभा में दौरान वितरित किया गया आईपैड लौटा दिया है। उन्होने इसे लौटाने के तीन कारण बताए हैं। कमलनाथ ने कहा कि पहला कारण टेबलेट देना विधानसभा की परंपरा के अनुरूप नहीं है। दूसरा कारण यह टेबलेट ‘असेंबल्ड इन चाइना’ है और तीसरा कारण ये कि उन्हें इस टेबलेट की आवश्यकता नहीं है। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने अपना आईपैड लौटा दिया है। उन्होने कहा कि ‘हमे जो टैबलेट दिए गए वो उस चीन में असेंबल किए गए है जिसने गलवान में हमारे सैनिकों की हत्या की, ऐसे आईपैड विधायकों को देने का मैं विरोध करता हूं।’ उन्होने आरोप लगाया कि राष्ट्रवाद की बातें करने वाली बीजेपी का ये दोहरा चरित्र है जो एक बार फिर सामने आ गया। गोविंद सिंह ने कहा कि चीन के आईपैड से हमारा डाटा चोरी हो सकता है।
मंत्रीजी ने एप्पल को कहा अपोलो
इस मामले पर सरकार के मंत्री बचाव में सामने आ गए हैं। लेकिन इस दौरान एक अजीब स्थिति बन गई जब उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने एप्पल को अपोलो बता दिया । उन्होने कहा कि ‘अपोलो कंपनी की तो पूरे देश में लोकप्रियता और विश्वसनीयता है। अब कांग्रेस को कुछ तो चाहिए खाली बैठे-बैठे।’ इस तरह कांग्रेस की खिंचाई करते करते वो खुद एप्पल को अपोलो बता गए जो एक टायर बनाने की कंपनी है। अब अगर मंत्रीजी को ये ही नहीं पता कि आईपैड अपोलो के नहीं एप्पल के हैं तो भला वो विरोध किस आधार पर कर रहे हैं। बहरहाल..मध्य प्रदेश की सियासत में अभी आईपैड का मुद्दा चल रहा है और देखना होगा इसका अंजाम क्या होगा।