भोपाल : मध्य भारत में मौसम में भारी बदलाव नजर आ रहे हैं। दरअसल 3 सिस्टम सक्रिय होने की वजह से गुरुवार दोपहर बाद मध्य प्रदेश के मौसम के मिजाज में बदलाव नजर आ रहा है। शहर में तेज हवा के साथ बारिश देखने को मिली। इसके अलावा धूल भरी आंधी चलने का भी पूर्व अनुमान जताया गया। राज्य में बेमौसम बारिश सिलसिला जारी है। ग्वालियर चंबल इलाके में ओलों के साथ बारिश देखने को मिली है। इसके साथ ही एक बार फिर से 3 दिन तक बारिश ओलावृष्टि सहित आंधी का पूर्वानुमान जारी किया गया है।
दो मौसम प्रणाली के कारण वातावरण में नमी
नर्मदा पुरम और जबलपुर संभाग में बारिश के आसार जताए गए हैं। राजस्थान पर बने दो मौसम प्रणाली के कारण वातावरण में नमी देखी जा रही है। कहीं कहीं बादल भी बने हुए हैं कई जिलों में बसों का आवागमन जारी है। वहीं से जिले में मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान जारी किया गया। राजधानी में आज धूप खिली रहेगी। हालांकि दो दिन तक भूखे रहने के साथ ही सामने मौसम में बदलाव देखने को मिलेंगे। राजस्थान से लगे मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल, उज्जैन संभाग में बारिश देखने को मिल रही है। इसके अलावा तापमान में भी गिरावट देखी गई थी। हालांकि कल के बाद तापमान में 1 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है जबकि रात में ठंड का अहसास हो रहा है।
बारिश की चेतावनी
मध्य प्रदेश के किस जिले में आज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। जबलपुर, नर्मदा पुरम, ग्वालियर संभाग में छिटपुट बारिश देखने को मिल सकती है जबकि अन्य स्थानों पर मौसम शुष्क रहेगा। शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, छतरपुर सहित चंबल संभाग में गरज चमक के साथ आंधी की चेतावनी जारी की गई है। 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी। इसके साथ ही कई इलाकों में बौछारें पड़ सकती है। नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़ में भी ओलावृष्टि का पूर्व अनुमान जताया गया है। हालांकि इन स्थानों पर बिजली गिरने की भी चेतावनी दी गई है। लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
मार्च के 15 तारीख के बाद फिर से तापमान में इजाफा
मौसम विभाग के मुताबिक लगातार बढ़ रहे बादल और बारिश की वजह से प्रदेश में तापमान में गिरावट देखी गई है। न्यूनतम तापमान गिरकर 11.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। छिंदवाड़ा में सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया जबकि राजगढ़ में सबसे अधिक तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हालांकि मार्च के 15 तारीख के बाद एक बार फिर से तापमान में इजाफा देखा जाएगा। वहीं इसके बढ़कर 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का पूर्वानुमान जारी कर दिया गया है।
मौसम विभाग के मुताबिक लगातार बढ़ रहे बादल और बारिश की वजह से प्रदेश में तापमान में गिरावट देखी गई है। न्यूनतम तापमान गिरकर 11.2 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया छिंदवाड़ा में सबसे कम तापमान रिकॉर्ड किया गया है जबकि राजगढ़ में सबसे अधिक तापमान 33 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हालांकि मार्च के 15 तारीख के बाद एक बार फिर से तापमान में इजाफा देखा जाएगा। वहीं इसके बढ़कर 37 से 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का पूर्वानुमान जारी कर दिया गया है।
11 जिलों में बारिश की चेतावनी
राजधानी भोपाल में आज बादल छाए रहेंगे जबकि नीमच, मंदसौर सहित 11 जिलों में बारिश की चेतावनी जारी कर दी गई है। राजधानी में मौसम साफ हो रहा है। वहीं गर्मी का असर भी बढ़ेगा। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि और तेज आंधी, नीमच, मंदसौर सहित 11 जिलों में जारी रहेगी। हालांकि एक ग्यारह मार्च के बाद इसमें भी महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। राजगढ़ में तेज बारिश और ओलावृष्टि और आंधी की चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा धार, खरगोन, ग्वालियर, रतलाम, बैतूल में भी आकाशीय बिजली गिरने की चेतावनी जारी कर दी गई है। बुधवार को भोपाल में हल्की बारिश देखने को मिली है। वहीं आगर मालवा, ग्वालियर और कई जिलों में ओलों के साथ बारिश का पूर्वानुमान जताया गया हैv 9 मार्च को मौसम ऐसा बना रहेगा।
एक प्रेरित चक्रवात का क्षेत्र निर्मित
मौसम विभाग की बात करें तो साउथवेस्ट राजस्थान में एक प्रेरित चक्रवात का क्षेत्र निर्मित हुआ है। वहीं उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है जबकि गोवा को कम से लेकर छत्तीसगढ़ तक एक ट्रफ रेखा गुजरने से सिस्टम और अधिक मजबूत हुई है जबकि छत्तीसगढ़ से एक ट्रफ रेखा झारखंड की तरफ बढ़ रही है। ऐसे में ओले बारिश और आंधी के दौर जारी रहने वाले हैं, 10 से 11 मार्च तक यह सिलसिला देखने को मिलेगा, 10 मार्च को भी कुछ जगह पर बारिश की चेतावनी जारी कर दी गई है।
इन जिलों में बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग द्वारा भिंड, मुरैना, नीमच, मंदसौर, टीकमगढ़, निवाड़ी, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर, छतरपुर में आज बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसके साथ ही गरज चमक काफी पूर्वानुमान जताया गया है जबकि खंडवा ,आगर मालवा, छिंदवाड़ा, हरदा, धार, रायसेन में तापमान में गिरावट देखी गई है। इन जिलों में आंधी बारिश के साथ ओलावृष्टि के कारण गेहूं चने की फसलें खराब हो गई है।