आखिर क्यों बना इंदौर मध्यप्रदेश की शान

भारत का दिल मध्य प्रदेश क्योंकी मध्यप्रदेश भारत के एकदम मध्य में बसा हुआ है और जिसे पूरी दुनिया में भारत के दिल के नाम से जाना जाता है. जिस प्रकार मध्य प्रदेश भारत का दिल है उसी प्रकार इंदौर शहर मध्य प्रदेश का दिल कहा जाता है.

इंदौर शहर को अब उन बड़े-बड़े शहरों में गिना जाता है जिन शहरों की गिनती भारत के सबसे अच्छे और सबसे प्रगतिशील शहरों में की जाती है आज उसी इंदौर की कहानी मैं आपको सुनाने जा रही हूं.

क्या आप जानते हैं इंदौर शहर प्रथम कैसे बना :-

इंदौर शहर को इस स्थान तक आने में कितनी मेहनत और कितनी जद्दोजहत करनी पड़ी है आज मैं आपको बताता हूं की साल 2011-12 में सफाई के मामले में इंदौर शहर का 61वां स्थान था लेकिन उसके 4 साल बाद जब दोबारा 2015 में स्वच्छता अभियान सर्वे किया गया तो उसमें इंदौर शहर ने 25 स्थान प्राप्त किया और इसके पश्चात इसी वर्ष 2017 में जब सर्वे किया गया तो इंदौर शहर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया.

इंदौर इतना स्वच्छ कैसे हुआ :

आखिर इंदौर इतना साफ कैसे हुआ इसमें इंदौर प्रशासन, राज्य प्रशासन इंदौर नगर निगम, सैकड़ों कर्मचारियों और अत्याधुनिक मशीनों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है इसके अलावा इंदौर शहर और शहर के आसपास के छोटे-मोटे क्षेत्र भी पूर्ण रुप से खुले में शौच मुक्त हो चुके हैं.

इंदौर शहर को यह मुकाम हासिल करने के लिए कई काम करने पड़े इंदौर नगर निगम के द्वारा पूरे शहर में घर घर से कचरा उठाने के लिए छोटी छोटी गाड़ियों की व्यवस्था की गई.

इस अभियान के तहत हर घर तक कचरा वाहन को पहुंचाया गया ताकि कोई भी कचरा रोड पर या कहीं खुले में ना डालें.

इस कचरे को दो केटेगरी में बांटा गया जिसमें एक हिस्सा गीले कचरे का तथा दूसरा हिस्सा सूखे कचरे का रखा गया जिसकी वजह से इसे अलग करने में परेशानी नहीं हुई.

इंदौर शहर के रहवासी इलाके में एक बार कचरा वाहन जाता है तथा जो व्यवसाय इलाके है वहां दिन में दो बार कचरा वाहन कचरा लेने के लिए जाता है.

क्या कदम उठाये इंदौर नगर निगम ने :-

इंदौर नगर निगम ने इसके लिए कई जागरुकता अभियान चलाए विज्ञापन दिए लोगों को जागरुक किया.

स्वच्छता के जागरूकता अभियान में दो गीतों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है एक गीत कैलाश खेर जी का गाया हुआ स्वच्छ भारत का इरादा कर लिया हमने और दूसरा गीत गली गली और मोहल्ला करदे करदे हो हल्ला.

प्लास्टिक का इस्तेमाल भी बंद हुआ :-

इसके अतिरिक्त इंदौर शहर में प्लास्टिक के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है लोगों की जागरूकता इसी बात को देखने से पता चलती है कि अगर आज इंदौर की किसी भी सड़क या गली में आप चले जाएं और वहां देखें तो आपको वहा पर कचरे का नामोनिशान नहीं मिलेगा और अगर कोई व्यक्ति कचरा फेंकते हुए दिखाई देता है तो उसे उठाने के लिए 10 लोग तैयार हो जाते हैं और उसे समझाते हैं.

500 शहरों में हुए सर्वेक्षण की रिपोर्ट :-

शहरी विकास मंत्रालय ने इस साल 2017 में 500 शहरों में स्वच्छता अभियान के तहत सर्वेक्षण किया जिसमें 25 शहरों को सबसे ऊपर रखा गया है. इन 25 शहरों में मध्य प्रदेश के 8 शहर शामिल है यह सर्वेक्षण जनवरी 2017 से मार्च 2017 के बीच हुआ इस सर्वेक्षण में मध्यप्रदेश के 34 शहर शामिल किए गए हैं.

कार्यक्रम में जो शहर सबसे अच्छे 25 शहरों में शामिल हुए हैं उन शहरों के महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष और अफसरों को भी सम्मानित किया गया.

इंदौर शहर को पहले नंबर पर आने के लिए क्या-क्या करना पड़ा :

2015 के सर्वे में इंदौर 25वें नंबर पर था लेकिन जब दोबारा 2017 में सर्वे किया गया तो इंदौर शहर की स्थिति पहले नंबर पर हो गई. इंदौर शहर को पहले नंबर पर आने के लिए क्या-क्या करना पड़ा और आखिर वह कौन सी गतिविधियां थी, वह कौन सी योजनाएं थी जिनकी वजह से इंदौर ने इतनी जल्दी यह मुकाम हासिल कर लिया.