महू घटनाक्रम पर कांग्रेस ने लगाया बीजेपी पर लीपापोती का आरोप, CBI जांच की मांग…

इन्दौर : महू में आदिवासी युवती के साथ गैंगरेप और हत्या के आरोप के बाद हुए हंगामे और पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मौत को लेकर कांग्रेस हमलावर है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आदिवासी युवती के दुष्कर्म मामले में सरकार पर लीपापोती का आरोप लगाया है। वहीं कांग्रेस ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।

कमलनाथ ने कहा कि पूरे देश मे मध्यप्रदेश को आदिवासी अत्याचार का मुकुट 13 बार मिला है। NCRB के आंकड़ों हवाला देते हुए उन्होने कहा कि बीजेपी आदिवासी हितैषी बनती है और इसके बाद प्रदेश में आदिवासी अत्याचार का ये हाल है। अब आदिवासी समाज में बीजेपी की असलियतका पर्दाफ़ाश हो चुका है। उन्होने कहा कि मैंने महू में घटनस्थल पर एक टीम भेजी है जो मामले की पड़ताल करेगी। इसी टीम में कांतिलाल भूरिया, झूमा सोलंकी. पांचीलाल मीणा और बाला बच्चन शामिल है। वहीं महू घटनाक्रम में कांग्रेस विधायकों ने भी बड़ा आरोप लगाते हुए पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए। कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया कि राज्यसभा सांसद कविता पाटीदार ने घटना में शामिल अपराधी को संरक्षण देने का प्रयास किया, जिसके बाद लोग आक्रोशित हो गए। भूरिया ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए मामले की जांच CBI से कराने की मांग की। विधायक पंचीलाल मेढा ने आरोप लगाया कि हमारी विधायक झूमा सोलंकी को महू जाने से रोका गया। उन्होने कहा कि ‘हम राजनीति करने नहीं, बल्कि घटना की पूर्ण सत्यता पता करने महू जा रहे हैं..प्रभावित लोग हमारे रिश्तेदार हैं और हमें मामले की असलियत की पड़ताल करनी है।’ वहीं उन्होने सवाल उठाया कि पुलिस ने आखिर किसके आदेश से गोली चलाई थी।

बता दें कि बुधवार रात महू में आदिवासी युवती की मौत के बाद जमकर बवाल हुआ। इस युवती के घरवालों ने दबंगों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया और इसके बाद गुस्साए लोगों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया था। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया और हवाई फायर भी किए। इस फायरिंग में एक आदिवासी युवक की मौत हो गई और एक अन्य घायल हुआ है। वहीं बड़गोंगा थाना प्रभारी भी गंभीर रूप से घायल हैं। इस मामले पर कांग्रेस हमलावर है और शासन प्रशासन पर सवाल उठा रही है।

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