रीवा : भारत का दिल मध्यप्रदेश एक बार फिर चर्चा में आ गया है। दरअसल, एमपी के रीवा का प्रसिद्ध सुंदरजा आम और मुरैना की खास गजक वैसे तो विश्वभर में मशहूर है। लेकिन अब इसकी पहचान एक बार फिर खास हो गई है। क्योंकि सुंदरजा आम और गजक को जीआई टैग यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर दिया गया है। हिंदी में इसे भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है। इसकी जानकारी खुद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा दी गई है। मध्यप्रदेश के लिए ये खुशी की बात है।
सीएम शिवराज ने दी बधाई
सीएम शिवराज ने भी इस पर एक ट्वीट करते हुए बधाई दी है। आपको बता दे, सीएम शिवराज ने अपने ट्वीट में कहा है कि हर्ष का विषय है कि प्रदेश के रीवा के सुंदरजा आम और मुरैना की गजक को GI टैग मिलने से वैश्विक पहचान मिली है। सभी जनता को मैं हृदय से बधाई देता हूं। इस उपलब्धि के लिए सीएम शिवराज ने पीएम मोदी और केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल का भी आभार माना है।
पीयूष गोयल का ट्वीट
इसके अलावा पीयूष गोयल ने अपने ट्वीट में प्रसन्नता व्यक्त करते हुए लिखा है कि इनके स्वाद के चर्चे होंगे अब आम, GI tag से बढेगा इनका देश विदेश में नाम…
MP : सुंदराज आम की खासियत
आपको बता दे, रीवा का आम सुंदराज भारत ही नहीं विदेश के लोगों को भी खूब भाता है। आम की विशेष किस्म की सुगंध और मिठास लोगों को खूब पसंद आती है। ये आम विदेशों तक भेजे जाते हैं। इस आम की खासियत ये है कि इसमें कोई रेशे नहीं होते हैं। वहीं इसे शुगर के मरीज भी बड़े चाव से खा सकते हैं। इससे उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा। इस आम को लेकर 1968 में डाक टिकट जारी किया गया था। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है ये कितना ज्यादा प्रसिद्ध है। रीवा जिले के गोविंदगढ़ किले के बगीचों में इसकी खेती की जाती है।
मुरैना की गजक
मुरैना की गजक इस प्रकार लोगों के बीच प्रसिद्ध है की दूर-दूर से लोग इसे खाने और लेने आते हैं। इसे क्वालिटी और स्वाद के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। विदेशों में भी इस गजक के लोग दीवाने हैं। इसके लिए जिले में एक हजार से ज्यादा दुकानें मौजूद है। सालभर लोग इसे खाना पसंद करते हैं। ये काफी ज्यादा फायदेमंद होती हैं।