जबलपुर : मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के द्वारा दिए गए आदेश की 3 माह के भीतर 25 प्रकरणों का निराकरण किया जाए, उनके इस आदेश के खिलाफ में मध्यप्रदेश के तमाम अधिवक्ता एक हो गए हैं और 23 मार्च से मध्यप्रदेश के तमाम वकील हड़ताल पर चले गए हैं। इस बीच हाई कोर्ट ने सभी वकीलों को काम पर वापस लौटने के निर्देश देते हुए कहां है कि जो भी वकील काम पर नहीं आते हैं तो उनके खिलाफ अवमानना के नोटिस जारी किए जाएंगे।
सदस्यों ने बुलाई सामान्य सभा की विशेष बैठक
हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब वकील एक बार पुनः लामबंद हो गए हैं लिहाजा स्टेट बार काउंसिल ने निर्णय लिया है कि आगामी 29 मार्च तक प्रदेश के सभी 92000 वकील न्यायालय कार्यों से विरत रहेंगे। जबलपुर में सोमवार को राज्य अधिवक्ता परिषद के 24 सदस्यों ने परिषद की सामान्य सभा की विशेष बैठक बुलाई जिसमें परिषद के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदोरिया, उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी सहित सभी सदस्य मौजूद थे।
स्टेट बार काउंसिल की इस बैठक में निर्णय लिया कि प्रदेश भर के अधिवक्ताओं और पक्षकारों को हो रही सुविधाएं एवं कठिनाइयों के संबंध में पुराने प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए अब 28 एवं 29 मार्च को देश भर के सभी वकील न्यायालयीन कार्य से विरत रहते हुए प्रतिवाद दिवस मनाएंगे। परिषद के उपाध्यक्ष आरके सिंह सैनी ने बताया कि सामान्य सभा की बैठक में विशेषकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिए गए कोर्ट ऑफ कंटेंट के नोटिस की बात रखी गई जिसके कारण से प्रदेश भर के सभी वकीलों की भावनाओ को ठेस पहुंची, लिहाजा स्टेट बार काउंसिल के द्वारा 28 एवं 29 मार्च को प्रतिवाद दिवस घोषित किया गया है।