MP : पूर्व सीएम की पत्नी के सवाल पर क्यों हंसे दिग्विजय सिंह? BJP नेता के घर पहुंच ‘राजा’ ने खेला राजनीतिक दांव…

भोपाल : मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह एक्टिव हो गए हैं। दिग्विजय सिंह का फोकस उन विधानसभा सीटों पर है जहां कांग्रेस लगातार 3 बार से चुनाव हार रही है। इसी कड़ी में दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री सुरेन्द्र पटवा के आवास पर पहुंचे। बता दें कि सुरेन्द्र पटवा, मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम और जनसंघ के संस्थापक सदस्य रहे सुंदरलाल पटवा के भतीजे हैं। दिग्विजय सिंह ने यहां सुंदरलाल पटवा की पत्नी से पैर छूकर आशीर्वाद लिए और उनका हाल-चाल जाना।

सुंदरलाल पटवा की पत्नी ने दिग्विजय सिंह से सवाल किया कि ऐसा दुबला क्यों हो गया है। सवाल सुनकर दिग्विजय सिंह हंसने लगे और कहा कि मैं बिल्कुल ठीक हूं। वहीं, दूसरी तरफ सुरेन्द्र पटवा और दिग्विजय सिंह की मुलाकात के बाद सियासी अटकलें तेज हो गई हैं।

भोजपुर से विधायक हैं पटवा
सुरेन्द्र पटवा रायसेन की भोजपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। वो लगातार यहां से चुनाव जीत रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने के बाद शिवराज सिंह चौहान फिर से सीएम बने, लेकिन इस बार सुरेन्द्र पटवा को शिवराज कैबिनेट में जगह नहीं मिली थी। इससे पहले पटवा शिवराज कैबिनेट में मंत्री रह चुके हैं। सुरेन्द्र पटवा बीजेपी के सीनियर लीडर हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश की सियासत में दिग्विजय सिंह को राजा कहा जाता है।

दिग्विजय के दौरे से बढ़ी सियासी हलचल
दिग्विजय सिंह के दौरे से राज्य की सियासी हलचल बढ़ गई है। सुरेन्द्र पटवा के घर अचानक पहुंचे दिग्विजय सिंह ने राजनीतिक नब्ज टटोलने की कोशिश की। वहीं, सुरेन्द्र पटवा ने भी दिग्विजय सिंह का स्वागत किया। दिग्विजय सिंह ने यहां सुंदरलाल पटवा के चित्र पर फूल चढ़ाकर उन्हें प्रणाम किया। हालांकि इस मुलाकात के बाद दिग्विजय और पटवा ने किसी तरह का खुलासा नहीं किया है। जिसके बाद से कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।

सुंदरलाल पटवा-दिग्विजय सिंह थे धुर विरोधी
वहीं, बात करे सुंदरलाल पटवा और दिग्विजय सिंह की तो दोनों एक-दूसरे के धुर विरोधी थे। मध्यप्रदेश की सियासत में सुंदरलाल पटवा का कद बहुत बड़ा था। दिग्विजय सिंह की इस मुलाकात को लेकर कई तरह की बातें की जा रही हैं। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की नजर बीजेपी के उन असंतुष्ट नेताओं पर है जो लगातार चुनाव जीत रहे हैं।

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