चमोली : बद्रीनाथ मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ स्थल है जो उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के चार धामों में से एक है और इसे चार धाम यात्रा का अंतिम धाम माना जाता है। विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की 22 अप्रैल से ही शुरूआत हो चुकी है। वहीं, आज यानि गुरुवार को चौथे धाम के कपाट भी खोल दिए गए है। सुबह तीर्थ पुरोहितों ने पूरे विधि-विधान के साथ भगवान बदरी विशाल की पूजा अर्चना की। उसके बाद सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। वहीं, बदरीनाथ मंदिर में पहली पूजा पीएम नरेंद्र मोदी के नाम से की गई।

इस अवसर को “कपाटोद्घाटन” कहा गया
बद्रीनाथ मंदिर के कपाटों को खोलने का अभियान वर्ष में एक बार होता है और इस अवसर को “कपाटोद्घाटन” कहा जाता है। यह अवसर विशेष मुहूर्त पर होता है जो वैदिक ज्योतिष के अनुसार निर्धारित किया जाता है। यह अवसर बहुत धार्मिक महत्व रखता है और हिंदू धर्म के अनुयायी इसे बहुत उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहली पूजा का अधिकार प्राप्त किया जो एक बहुत ही सामान्य परंपरा है।
कपाट खुलने की प्राचीन रस्म
मंदिर के कपाट खुलने की कपाट खुलने की रस्म बहुत ही प्राचीनबहुत ही प्राचीन है। यह रस्म दो धार्मिक स्थलों, श्री केदारनाथ मंदिर एवं बदरीनाथ मंदिर में होती है। इस रस्म के दौरान सभी लोग मंदिर में मौजूद होते हैं जहां मंदिर के पुजारी एवं धर्माधिकारी धार्मिक कार्य करते हैं। इसके बाद वे मंदिर के कपाट खोलते हैं जिससे कि श्रद्धालु उनकी पूजा-अर्चना कर सकें। इस रस्म को सम्पूर्ण करने के बाद श्रद्धालु अपनी पूजा करते हैं और मंदिर में अपनी विशेष वास्तुएं दान करते हैं। इस रस्म के बाद मंदिर में भगवान की आरती होती है जिसके बाद मंदिर के कपाट फिर से बंद हो जाते हैं।

गुरुवार को सुबह चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कुबेर जी,उद्वव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर में परिसर में लाया गया। इसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी, हकहकूधारी एवं श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारियों द्वारा प्रशासन एवं हजारों श्रद्वालुओं की मौजूदगी में विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए।
जुटने लगी श्रद्धालुओं की भीड़
कपाट खुलने के एक दिन पूर्व से ही बद्रीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। पहले दिन ही हजारों श्रद्धालुओं ने बद्रीनाथ में अखण्ड ज्योति एवं भगवान श्री बद्रीनाथ के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है।

20 कुंतल फूलों से सजाया गया मंदिर
बद्रीनाथ मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मुख्य पुजारी वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी द्वारा बद्रीनाथ मंदिर में भगवान बद्रीनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करते हुए सबके लिए मंगलमय की कामना की है। पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गई है। इसके अलावा, कपाटोद्घाटन के अवसर पर मंदिर को 20 कुंतल फूलों से सजाया गया है। ग्रीष्मकाल के आरंभ के साथ ही बद्रीनाथ मंदिर में दर्शन शुरू हो गए हैं।
मंदिर में पहली पूजा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मौजूदगी में लोक कल्याण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से की गयी। सीएम धामी ने भगवान शिव की आराधना करके देश और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। उन्होंने बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत भी किया तथा मंदिर परिसर में आयोजित भंडारा कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं और अपने आप को भगवान विष्णु के धाम में समर्पित करते हैं। बद्रीनाथ धाम को चार धाम यात्रा का एक हिस्सा माना जाता है जो गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन से पूरी होती है। चारधाम यात्रा भारत के धार्मिक इतिहास और धार्मिक महत्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इस यात्रा के दौरान श्रद्धालु चार धामों के दर्शन करते हुए पूर्णतः धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से आनंद और शांति का अनुभव करते हैं।
इससे पहले 22 अप्रैल को मां गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले गए थे। जबकि 25 अप्रैल को बाबा केदार के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। वहीं, आज यानि गुरुवार को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने से चारधाम यात्रा पूरी तरह से शुरू हो गई है।