MP : बगावत पर लगाम कसने का दिग्विजय सिंह का अनोखा संकल्प, कार्यकर्ताओं को दिया जीत का मंत्र…

नीमच : मध्य प्रदेश में जल्द ही विधानसभा चुनाव का दौर जाने वाला है और इसी के चलते सभी पार्टियां जनता से संवाद करते हुए अपनी-अपनी स्थिति मजबूत बनाने में लगी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कांग्रेस के संगठन को मजबूती देने के लिए पूरे प्रदेश के दौरे पर हैं और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र समझाते नजर आ रहे हैं। इसी कड़ी में वो नीमच पहुंचे, जहां पर उन्होंने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से संवाद किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने उन्हें बताया कि पार्टी कमजोर नहीं है बल्कि नेताओं में आपसी मतभेद है, जिसकी वजह से हार का सामना करना पड़ रहा है।

MP के नेताओं को दिलाया संकल्प

नीमच पहुंचने के बाद दिग्गी राजा ने सबसे पहले जावद विधानसभा क्षेत्र के मंडल सेक्टर अध्यक्षों के साथ बैठक की और उनसे सुझाव मांगे। यहां पर कार्यकर्ताओं ने उन्हें विधानसभा के 2 बड़े नेताओं के आपसी मतभेद के बारे में जानकारी दी। सभी ने कहा कि दोनों नेताओं की एक-दूसरे से नहीं बनती है, यही वजह है कि पार्टी को हार का सामना करना पड़ता है।

कार्यकर्ताओं ने पूर्व सीएम से अपील करते हुए कहा कि इन नेताओं को यह संकल्प दिलवाना चाहिए कि यह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे। सभी की बात ध्यान से सुनने के बाद उन्होंने बैठक में शामिल दोनों नेताओं राजकुमार अहीर और सत्यनारायण पाटीदार को मंच पर बुलाया और यह घोषणा करने को कहा कि पार्टी से प्रत्याशी कोई भी बने लेकिन वो कभी भी खिलाफ जाकर काम नहीं करेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री के बोलने पर दोनों नेताओं ने मंच से संकल्प लेते हुए कहा कि पार्टी चाहे जिसे भी प्रत्याशी बना दे, लेकिन वह निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ेंगे और पार्टी के पक्ष में काम करेंगे। दिग्गी द्वारा इस तरह से नेताओं के बीच आपसी समन्वय स्थापित करने के प्रयास से कार्यकर्ता काफी खुश नजर आए।

कार्यकर्ताओं को दी समझाइश

बैठक के दौरान दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को भाजपा और कांग्रेस के शासनकाल का अंतर भी समझाया। उन्होंने अपने मुख्यमंत्री काल के दौरान जनपद अध्यक्ष ओर उपाध्यक्ष रहे भंवरलाल बड़ोलिया और अशोक पाटीदार को मंच पर बुलाया और पूछा कि आपने अपने कार्यकाल के दौरान कितने शिक्षक कर्मी भर्ती किए थे? इसके जवाब में उन्हें बताया गया कि ये संख्या 800 थी।

जवाब सुनने के बाद दिग्गी ने मंच से कार्यकर्ताओं से सवाल किया कि क्या बीजेपी के शासनकाल में किसी जनपद अध्यक्ष ने ये किया है, तो जवाब नहीं में आया। इस बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कार्यकर्ताओं को ये समझाया कि कांग्रेस ने पंचायतों को जो अधिकार दिए थे, अगर वो वापस हासिल करने हैं, तो पार्टी से जुड़े हर व्यक्ति को संगठन की मजबूती के लिए काम करना होगा और चुनाव में जीत दिलवानी होगी।

महिलाओं की भागीदारी

पूर्व मुख्यमंत्री ने नीमच विधानसभा क्षेत्र के मंडल सेक्टर अध्यक्ष की बैठक भी ली और सभी को एकजुटता और आपसी समन्वय के साथ काम करने और साथ चलने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कि आपस में जो भी मनमुटाव है उसे खत्म करो और सेक्टर अध्यक्ष अपने-अपने क्षेत्र में बैठक कर बूथ स्तर पर सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास करें। इस बात का विशेष प्रयास किया जाए कि महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित हो सके, तब जाकर ही संगठन मजबूत हो सकेगा।

इस दौरान कुछ लोगों ने यह भी कहा कि हमारी पार्टी में अभी भी कई सारे ज्योतिरादित्य सिंधिया मौजूद है इन्हें बाहर करिए तब जाकर पार्टी सही ढंग से खड़ी हो सकेगी। इस बात का कई लोग समर्थन करते नजर आए।

वहीं, पत्रकार वार्ता में बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिन्हें सब कुछ मिला, वह पार्टी छोड़ कर चले गए हैं। यह देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को बहुत बड़ा झटका है। इस तरह के दलबदलुओं पर चुनाव लड़ने के लिए 6 साल का प्रतिबंध लगा देना चाहिए। भाजपा को शासन करने वाली पार्टी की जगह उन्होंने व्यवसाय करने वाली पार्टी बताया और कहा कि खरीद-फरोख्त बंद होनी चाहिए।

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