दिवालिया होने के कगार पर गो फर्स्ट, एयरलाइन के पास कैश खत्म, दो दिन के लिए सभी फ्लाइट्स कैंसल…

नई दिल्ली : वाडिया ग्रुप की एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई है। कंपनी ने एनसीएलटी में वॉलंटरी इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग के लिए एप्लिकेशन दी है। पीटीआई ने कंपनी के सीईओ कौशिक खोना के हवाले से यह जानकारी दी है। खोना ने कहा कि एयरलाइन के 28 विमान ग्राउंड कर दिए गए हैं। यानी उसके आधे से ज्यादा विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इसकी वजह यह है कि इंजन बनाने वाली कंपनी प्रैट एंड व्हिटनी ने उसकी सप्लाई बंद कर दी है। इससे कंपनी के पास फंड की भारी कमी हो गई है। एयरलाइन के पास कैश खत्म हो चुका है। इस कारण वह ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के बकाये का भुगतान नहीं कर पा रही है। इन कंपनियों ने उसे तेल देने से इन्कार कर दिया है। गो फर्स्ट के विमान तीन और चार मई को उड़ान नहीं भरेंगे।

इंजन नहीं मिल पाने के कारण कंपनी के आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं। इस कारण उसका कैश फ्लो बुरी तरह प्रभावित हुआ है। साथ ही उसके एयरबस ए320 नियो विमानों को इंजन की सप्लाई नहीं हो रही है। गो फर्स्ट स्ट्रैटजिक इनवेस्टर की तलाश कर रही है और संभावित निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी पिछले कई हफ्तों से कैश जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है। उसक कहना है कि तीन और चार ई को उसने अपनी सभी फ्लाइट्स को कैंसल कर दिया है।

एक ऑयल मार्केटिंग कंपनी के अधिकारी ने कहा कि गो फर्स्ट कैश एंड कैरी मोड में है। इसका मतलब यह है कि कंपनी डेली उड़ने वाली फ्लाइट्स के आधार पर पे कर रही है। इस बात पर सहमति बनी है कि अगर कंपनी ने भुगतान नहीं किया तो उसे तेल की बिक्री बंद कर दी जाएगी। एयरलाइन के एक प्रवक्ता ने इस बारे में सवालों का जवाब नहीं दिया। एयलाइन ने साथ ही विमानों का इंजन बनाने वाली कंपनी के खिलाफ अमेरिका की एक अदालत में मुकदमा किया है। इससे पहले 30 जून को एक फैसला गो फर्स्ट के पक्ष में आया था। इसमें कहा गया है कि अगर एयरलाइन को इंजन नहीं मिले तो वह बंद हो जाएगी। गो फर्स्ट ने इस फैसले को लागू करवाने के लिए अमेरिकी कोर्ट में केस किया है।

आधे विमान खड़े हैं

31 मार्च तक के आंकड़ों के मुताबिक गो फर्स्ट के पास 30 विमान ऑपरेट नहीं कर पा रहे हैं। इनमें नौ ऐसे विमान भी हैं जिनके लीज पेमेंट का भुगतान किया जाना है। कंपनी के वेबसाइट के मुताबिक उसके बेड़े में 61 विमान हैं। इनमें 56 ए320 नियो और पांच ए320सीइओ हैं। कंपनी के ऐसे समय में पैसेंजर रेवेन्यू का नुकसान हो रहा है जब महामारी के बाद एयर ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है। एयरलाइन की योजना इन गर्मियों में हर हफ्ते 1538 फ्लाइट्स ऑपरेट करने की है जो पिछले साल के मुकाबले 40 कम है। यह सीजन 26 मार्च से शुरू हो चुका है और 28 अक्टूबर तक चलेगा।

गो फर्स्ट ने जुलाई 2022 में पहली बार अपने विमानों को ग्राउंड किया था। उसके बाद से कंपनी के मार्केट शेयर में लगातार गिरावट आ रही है। फरवरी में यह आठ परसेंट रह गया था जब 963,000 पैसेंजर्स ने उसके विमानों में उड़ान भरी थी। पिछले साल मई में कंपनी का मार्केट शेयर 11.1 फीसदी था। तब 12.7 लाख यात्रियों ने गो फर्स्ट के विमानों में उड़ान भरी थी। पैसेंजर्स की संख्या में कमी से कंपनी के फाइनेंशियल पर भारी असर पड़ा है। फाइनेंशियल ईयर 2022 में कंपनी को 21.8 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था। इससे पिछले साल यह घाटा 10.5 करोड़ डॉलर था।

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