क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस के घोषणा पत्र में भी किया जाएगा बजरंग दल को बैन, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिया जवाब…

भोपाल : क्या मध्य प्रदेश कांग्रेस भी अपने मेनिफेस्टो में बजरंग दल पर प्रतिबंध का मुद्दा शामिल करेगी। कर्नाटक चुनाव के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र जारी होने के बाद से इसपर विवाद छिड़ा हुआ है। कांग्रेस ने वहां बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है। अब बीजेपी इसे भगवान हनुमान का अपमान बताते हुए आरोप लगा रही है कि कांग्रेस ने लाखों हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। इसे लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को एक पत्र लिखकर उनका मत भी पूछा है। वहीं ये सवाल भी उठ रहा है कि क्या यहां भी कांग्रेस के घोषणा पत्र में ऐसा कोई बिंदु शामिल होगा।

नरोत्तम मिश्रा ने लिखा कमलनाथ को पत्र

आज ही गृह मंत्री ने नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को एक पत्र लिखा। इसमें उन्होने कहा कि कमलनाथ जी खुद को बहुत बड़ा हनुमान भक्त बताते हैं। ऐसे में वो स्पष्ट करें कि वो कांग्रेस के कर्नाटक के लिए जारी घोषणा पत्र के पक्ष में हैं या नहीं। नरोत्तम मिश्रा ने कहा था कि ‘इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बजरंग दल जैसे राष्ट्र सेवी संगठन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है। ऐसे में कोई भी बजरंग भक्त ऐसा नहीं होगा, जिसकी भावनाएं आहत न हुई हो। पीएफआई जैसे राष्ट्र विरोधी संगठन के साथ बजरंग दल की तुलना कर इसका अपमान किया है। कमलनाथ जी जो खुद को हनुमान भक्त बताते हैं वो इसे मध्य प्रदेश के बारे इस मुद्दे को लेकर अपन राय स्पष्ट करें।’ उन्होने कहा कि कमलनाथ जी लौटती डाक से इस पत्र का जवाब दें।

कमलनाथ ने दिया ये जवाब

और लौटती डाक से कमलनाथ ने सवाल के जवाब में ये सवाल किया है कि ‘बजरंग दल पर प्रतिबंध और हनुमान भक्ति का क्या संबंध है।’ इसी के साथ उन्होने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस के वचनपत्र को तैयार करने के लिए मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक चल रही है, और वहीं सारी बातें तय होंगी। पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि वो बजरंग दल पर प्रतिबंध के मुद्दे पर क्या कहेंगे तो उन्होने कहा कि ‘ये तो सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि जो भी ऐसी संस्थाएं या व्यक्ति हैं जो सामाजिक विवाद पैदा करते हैं, उनपर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। ये किसी को टार्गेट नहीं कर रहे, बल्कि जो भी समाज में विवाद या नफरत की बात करते हैं भले वो किसी भी संस्था का हो, सुप्रीम कोर्ट ही कहती है उसपर कड़ी कार्रवाई की जाए। ये सामाजिक एकता की बात है।’

इस सवाल पर कि कर्नाटक घोषणा पत्र के प्रतिबंध के इस बिंदु को क्या मध्य प्रदेश के घोषणा पत्र में भी शामिल किया जाएगा, कमलनाथ ने कहा कि इसे लेकर हमारी मेनिफेस्टो कमेटी की बैठक हो रही है और वहीं सब तय किया जाएगा। वहीं इस बीजेपी के इस आरोप पर कि वो खुद को हनुमान भक्त बताते हैं तो बजरंग दल पर प्रतिबंध के मामले पर अपनी राय बताएं…कमलनाथ ने कहा कि भला इन दोनों बातों में क्या संबंध है। उन्होने कहा कि बजरंग दल पर प्रतिबंध अलग बात है और इससे कोई उनकी हनुमान भक्ति पर सवाल नहीं खड़े कर सकता है।

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