उज्जैन : उज्जैन में सावन भादौ के महीने में हर साल बाबा महाकाल की सवारी धूमधाम से निकाली जाती है। इस बार भी सवारी की तैयारियां शुरू की जा चुकी है। हर साल निकलने वाली सवारी में आकर्षण के कई केंद्र होते हैं और इस बार एक और चीज श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी और खींचेगी। दरअसल, इस बार महाकाल के मुखारविंद शाही रथ पर विराजित कर निकाले जाने वाले हैं। दानदाताओं की सहायता से मंदिर समिति रथ का निर्माण कर रही है। दिल्ली, इंदौर, उज्जैन में तीन रथ बनवाए जा रहे हैं, जिन पर बाबा महाकाल के मुखौटे रखकर निकाले जाएंगे।

बाबा महाकाल की सवारी की तैयारी
महाकालेश्वर मंदिर से साल बड़ी भव्यता से बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इस बार 19 सालों बाद बने विशेष संयोग के चलते बाबा की कुल 10 सवारी निकाली जाएगी। प्रत्येक सवारी में भगवान महाकाल का नया मुखारविंद भक्तों को दर्शन देगा। वहीं बाबा महाकाल मन महेश के रूप में पालकी में विराजित होकर प्रजा को दर्शन देंगे।

दूसरी सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मन महेश सवार होंगे। इन दोनों के पालकी और हाथी पर सवार होने का क्रम शाही सवारी तक चलता रहेगा। तीसरी सवारी से बाबा महाकाल के अन्य मुखारविंद उमा महेश, होलकर, शिव तांडव, सप्त धान, घटाटोप, जटाशंकर आदि रथ पर निकाले जाएंगे।
पहले से हैं 5 रथ
बता दें कि मंदिर समिति के पास पहले से पांच रथ मौजूद है, जिन्हें रंग रोगन कर सवारी के लिए हर साल तैयार किया जाता है और अलग-अलग मुखौटे रखकर निकाले जाते हैं। लेकिन इस बार 10 दिन की सवारी होने के चलते 3 रथ की आवश्यकता पड़ रही है। जिनका निर्माण मंदिर समिति दानदाताओं के सहयोग से उज्जैन, इंदौर और दिल्ली में करवा रही है। मंदिर समिति ने बैठक कर रथ की डिजाइन फाइनल कर दी है जो जल्द ही बनकर तैयार होंगे।