NDA भी विपक्षी दलों की तरह अब दिखाएगा एकजुटता, 18 जुलाई को दिल्ली में बुलाई गई बैठक…

नई दिल्ली लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई हैं। सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी ताकत बढ़ाने-दिखाने में जुट गए हैं। विपक्षी दलों के चुनावी गठबंधन की कोशिशों के बीच एनडीए ने भी अब अपनी तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रियों-सांसदों और संगठन के पदधारियों की बैठकों के बाद 18 जुलाई को एनडीए की बड़ी बैठक होने जा रही है। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है कि कुछ नये और पुराने बिछड़े साथी दलों को फिर से एनडीए में शामिल करने पर महत्वपूर्ण निर्णय होना है। बिहार में लोजपा (आर) अभी एनडीए से बाहर है तो जीतन राम मांझी की पार्टी हम (HAM), उपेंद्र कुशवाहा की RLJD और मुकेश सहनी की पार्टी VIP के बारे में भी इसी बैठक में निर्णय होना है। संभव है कि उन्हें बैठक में शामिल हने का न्यौता भी मिल गया हो। हालांकि अभी तक सिर्फ चिराग पासवान ने बैठक में शामिल होने की स्वीकृति देने की पुष्टि की है। यूपी, पंजाब के अलावा दक्षिण की भी कुठ पार्टियों के एनडीए में शामिल होने की बात है।

विपक्षी एकजुटता की काट बनेगा NDA

लोकसभा चुनाव में अब साल भर से भी कम का वक्त बचा है। भाजपा मुक्त भारत के संकल्प के साथ 15 विपक्षी दल एक बार पटना में बैठक कर चुके हैं। उनकी अगली बैठक भी इसी महीने बेंगलुरु में प्रस्तावित है। पहले यह बैठक शिमला में होने वाली थी। इस बीच महाराष्ट्र में एनसीपी के करीब तीन दर्जन विधायकों ने विपक्षी एकता का विरोध करते हुए बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के साथ हाथ मिला लिया है। एनसीपी में कौन असली और कौन नकली का विवाद भी शुरू हो गया है। एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार पर विपक्ष का पूरा भरोसा पहले भी था और पार्टी विभाजित होने के बाद भी है। एनसीपी में टूट के बाद शरद पवार से सहानुभूति जताने वालों में कांग्रेस से राहुल गांधी, आरजेडी से लालू प्रसाद यादव और टीएमसी से ममता बनर्जी सामिल रहे। इस बीच गुजरात हाईकोर्ट से राहुल गांधी को सजा मामले में राहत नहीं मिलने से विपक्षी दलों को एक और धक्का लगा है।

SAD और TDPशामिल होंगे NDA में

एनडीए ने 18 जुलाई को विस्तारित बैठक दिल्ली के अशोका होटल में बुलाई है। उम्मीद की जा रही है कि एनडीए की बैठक में एनडीए छोड़ चुके या दूसरे कारणों से अलग हुए दलों के नेता भी शामिल होंगे। शिरोमणि अकाली दल (SAD)लोजपा (आर) हम और टीडीपी (TDP) जैसे कुछ पुराने साथी भी बैठक में आ सकते हैं तो नये साथी के रूप में आरएलजेडी (RLJD) और जेडीएस (JDS) भी हाजिर रह सकते हैं। जेडीएस नेता कुमार स्वामी पहले से ही एनडीए का हिस्सा बनने का संकेत दे रहे हैं तो टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू अमित शाह से मुलाकात भी कर चुके हैं। सुखबीर बादल और चिराग पासवान बैठक में शामिल होने की सहमति दे चुके हैं। कुछ नए दल भी एनडीए की बैठक में शामिल हो सकते हैं।

बैठक के बाद मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार

पीएम नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल करने वाले हैं। संभव है कि एनडीए की बैठक के बाद कुछ नये मंत्री साथी दलों से भी शामिल किए जाएं। ऐसे लोगों में लोजपा (आर) के चिराग पासवान और शिरोमणि अकाली दल के किसी सांसद को मंत्री बनाए जाने की चर्चा तेज है। बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने के कारण चिराग पासवान को तब एनडीए में रहे नीतीश कुमार के दबाव में बाहर कर दिया गया था। अकाली दल ने कृषि कानून का विरोध करते हुए खुद को एनडीए से बाहर कर लिया था। अब चूंकि कृषि कानून पीएम ने लंबे चले किसान आंदोलन के बाद वापस ले लिया है तो अकाली दल को साथ आने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। चंद्रबाबू नायडू भी 2018 तक एनडीए का ही हिस्सा थे।

Leave a Reply