भोपाल : मंगलवार 11 जुलाई से मध्यप्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय मानसून सत्र प्रारंभ हो गया। ये 15वीं विधानसभा का अंतिम सत्र है और इस सत्र में कांग्रेस कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में है। वहीं बीजेपी ने कहा है कि वो किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है। आज पहले दिन रैगांव से कांग्रेस विधायक कल्पना वर्मा महंगाई का विरोध करते हुए टमाटर और मिर्च की माला पहनकर सदन में पहुंचीं।
मानसून सत्र प्रारंभ
बता दें कि कांग्रेस पहले से ही प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में आदिवासियों पर अत्याचार, दलितों के साथ मारपीट, भ्रष्टाचार, महाकाल में सप्तऋषियों की मूर्तियों के गिरने, महिला उत्पीड़न और बढ़ती महंगाई जैसे मुद्दों को लेकर हमलावर है। इनमें से कई मुद्दों को विधानसभा में भी उठाया जाएगा। कांग्रेस विधायकों ने मानसून सत्र के लिए सरकार से 1642 प्रश्न पूछे हैं। 22 स्थगन, 185 ध्यानाकर्षण और 23 शून्यकाल की सूचनाएं दी गई हैं। 12 जुलाई को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा वर्तमान वित्तीय वर्ष का प्रथम अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेंगे। आज पहले दिन शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने सीधी में हुए पेशाब कांड का मुद्दा उठाया और कहा कि इस घटना से सभी आहत हैं और देशभर में प्रदेश शर्मसार हुआ है। सत्र के पहले दिन सदन में दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई।
धारा 144 लागू
विधानसभा सत्र के मद्देनज़र भोपाल पुलिस कमिश्नर ने विधानसभा क्षेत्र के 5 किलोमीटर में धारा 144 लागू कर दी है। ये धारा 11 जुलाई सुबह 6 बजे से लेकर 15 जुलाई सत्र की समाप्ति तक लागू रहेगी। इस दौरान विधानसभा क्षेत्र के 5 किलोमीटर के दायरे में बहुत सारी गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सत्र के दौरान विधानसभा भवन के आस-पास विभिन्न संगठनों एवं राजनीतिक दलों द्वारा प्रदर्शन एवं जुलूस पर प्रतिबंध रहेगा। कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर शस्त्र, लाठी, डण्डा, भाला, पत्थर, चाकू, अन्य धारदार हथियार या आग्नेय शस्त्र साथ लेकर नहीं चलेगा। इस दौरान विधानसभा परिसर के 5 किलोमीटर की परिधि में भारी वाहन जैसे- ट्रक, ट्रैक्टर-ट्राली, डम्फर आदि पर भी पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। कोई व्यक्ति ऐसा कोई कार्य नहीं करेगा जिसके कारण शिक्षण संस्थाओं, होटल, दुकान, उद्योग एवं निजी अथवा सार्वजनिक सेवाओं में व्यवधान उत्पन्न हो। यह आदेश ड्यूटी पर कार्यरत शासकीय कर्मचारियों/अधिकारियों पर लागू नहीं होगा।